ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) ने न्यूनतम 2 एमबीपीएस की ब्रॉडबैंड गति का समर्थन किया है। उद्योग निकाय ने कहा कि 2 मेगाबिट प्रति सेकेंड की स्पीड राष्ट्रीय नीति और वैश्विक बेंचमार्क दोनों की दृष्टि से एक आवश्यक कदम है। फिलहाल सरकार 512 किलोबिट प्रति सेकेंड (केबीपीएस) की न्यूनतम डाउनलोड गति की इंटरनेट सेवाओं को ब्रॉडबैंड के रूप में परिभाषित करती है। बीआईएफ के अध्यक्ष टीवी रामचंद्रन ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय बेहतर व्यवहार की तुलना में हमारी मौजूदा ब्रॉडबैंड स्पीड उल्लेखनीय रूप से कम है। न्यूनतम ब्रॉडबैंड रफ्तार को 2 एमबीपीएस करना राष्ट्रीय नीति तथा वैश्विक बेंचमार्क की दृष्टि से अनिवार्य कदम है।’’ भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने देश में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं। इनमें दूरसंचार सेवाप्रदाताओं को प्रोत्साहन, ग्रामीण इलाकों में फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सेवाओं की वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का क्रियान्वयन शामिल है। इसके तहत नियामक ने ग्रामीण इलाकों में प्रत्येक ग्राहक को उनके ब्रॉडबैंड कनेक्शन शुल्क में से 200 रुपये तक लौटाने का सुझाव दिया है।
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