निजीकरण और विनिवेश पर हड़ताल करेंगे श्रमिक संगठन, लगातार 4 दिन तक बैंक रहेंगे बंद!

By सतीश कुमार सिंह | Published: February 10, 2021 11:49 AM2021-02-10T11:49:24+5:302021-02-10T11:51:46+5:30

ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसएिशन (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि यूएफबीयू की बैठक में बैंकों के निजीकरण के सरकार के निर्णय का विरोध करने का फैसला किया गया।

Bank Strike union privatisation budget psb public sector 13, 14, 15, 16 feb pm narendra modi delhi | निजीकरण और विनिवेश पर हड़ताल करेंगे श्रमिक संगठन, लगातार 4 दिन तक बैंक रहेंगे बंद!

पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया गया है। (file photo)

Highlightsदो सरकारी बैंकों तथा एक बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री का इरादा है।ये हड़ताल हुए तो 13 मार्च से लेकर 16 मार्च कर बैंकों में कामकाज ठप रहेंगे।2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर उसका निजीकरण कर चुकी है।

Bank Strike: आम बजट में केंद्र सरकार ने कहा कि कई क्षेत्र में विनिवेश किया जाएगा। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

सरकार का अगले वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों तथा एक बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री का इरादा है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) के विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था।

तो बैंक लगातार 4 दिन तक बंद रहेंगे

इस बीच केंद्र सरकार की नीति के खिलाफ बैंक कर्मचारियों के नौ संगठनों का शीर्ष निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने कहा कि हम 15 और 16 फरवरी को हड़ताल करेंगे। अगर ये  हड़ताल होती है तो बैंक लगातार 4 दिन तक बंद रहेंगे।

13 मार्च से लेकर 16 मार्च कर बैंकों में कामकाज ठप रहेंगे

ऐसा इसलिए, क्योंकि 13 मार्च को महीने का दूसरा शनिवार है और बैंकों की छुट्टी होगी। वहीं 14 मार्च को रविवार के कारण बैंक बंद रहेंगे। इसके अलावा 15 मर्च और 16 मार्च को बैंक कर्मचारियों के नौ संगठनों के शीर्ष निकाय UFBU ने इस हड़ताल का आवाहन किया है। यानी अगल ये हड़ताल हुए तो 13 मार्च से लेकर 16 मार्च कर बैंकों में कामकाज ठप रहेंगे।

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह अपने बजट भाषण में विनिवेश कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की। सरकार पहले ही 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर उसका निजीकरण कर चुकी है। साथ ही पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया गया है।

सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बिक्री आदि शामिल हैं

आईडीबीआई बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों का निजीकरण, बैड बैंक की स्थापना, एलआईसी में विनिवेश, एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण, बीमा क्षेत्र में 74 प्रतिशत तक एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की मंजूरी और सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बिक्री आदि शामिल हैं।’’

वेंकटचलम के अनुसार बैठक में यह कहा गया कि ये उपाय प्रतिगामी और कर्मचारियों के हितों के खिलाफ हैं। इसीलिए इसका विरोध करने की जरूरत है। एआईबीओसी के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि विचार-विमर्श के बाद सरकार के निर्णय के खिलाफ 15 मार्च और 16 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान करने का निर्णय किया गया।

यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉयज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक एम्प्लॉयज कॉन्फेडरेश्न ऑफ इंडिया (बीईएफआई) शामिल हैं।

इसके अलावा इंडियन नेशनल बैंक एम्प्लॉयज फेडरेश्न (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (एनओबीओ) शामिल हैं।

बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवाएं रणनीतिक क्षेत्र में आएंगी

हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों के मद्देनजर सरकार ने चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य में भारी कटौती कर इसे 32,000 करोड़ रुपये कर दिया है। सरकार अभी तक चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री और शेयर पुनर्खरीद से 19,499 करोड़ रुपये जुटा पाई है।

अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य में से एक लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे। 75,000 करोड़ रुपये सीपीएसई विनिवेश से आएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट 2021-22 में विनिवेश/रणनीतिक विनिवेश नीति की घोषणा करते हुए कहा कि चार क्षेत्र....परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष और रक्षा; परिवहन एवं दूरसंचार; बिजली, पेट्रोलियम, कोयला और अन्य खनिज और बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवाएं रणनीतिक क्षेत्र में आएंगी।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की मौजूदगी न्यूनतम रहेगी

रणनीतिक क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की मौजूदगी न्यूनतम रहेगी। रणनीतिक क्षेत्र के शेष सीपीएसई का निजीकरण किया जाएगा या इनको अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में मिलाया जाएगा या इन्हें बंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में बीपीसीएल, एयर इंडिया, आईडीबीआई बैंक, शिपिंग कॉरपोरेशन, नीलाचल इस्पात निगम लि., कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, बीईएमएल, पवन हंस और अन्य कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा।

सीतारमण ने कहा, ‘‘आईडीबीआई बैंक के अलावा हम सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों तथा एक साधारण बीमा कंपनी का अगले वित्त वर्ष में निजीकरण करेंगे। इसके लिए विधायी संशोधन इसी सत्र में लाए जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए भी विधायी संशोधन संसद के मौजूदा सत्र में ही लाए जाएंगे। सीतारमण ने बताया कि नीति आयोग को रणनीतिक विनिवेश के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों की अगली सूची पर काम करने को कहा गया है।

राज्यों को अपने सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के लिए प्रोत्साहित करने को सरकार उनके लिए केंद्रीय कोष से प्रोत्साहन पैकेज लाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि बीमार या घाटे वाले केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को समयबद्ध तरीके से बंद करने के लिए एक संशोधित व्यवस्था भी लाई जाएगी। सीतारमण ने कहा कि बेकार पड़ी संपत्तियों से आत्मनिर्भर भारत में कोई योगदान नहीं मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के स्वामित्व वाली जमीनों के मौद्रिकरण (बिक्री/पट्टेदारी) के लिए एक विशेष इकाई (एसपीवी) बनाई जाएगी।

(इनपुट एजेंसी)

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