लाइव न्यूज़ :

नारायण मूर्ति को अजीम प्रेमजी ने नहीं दी थी विप्रो में नौकरी, बाद में हुआ था अफसोस- रिपोर्ट

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: January 14, 2024 09:58 IST

विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी की एक गलती के कारण नारायण मूर्ति ने भारत की दिग्गज टेक कंपनी इंफोसिस को जन्म दिया।

Open in App
ठळक मुद्देविप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी की एक गलती के कारण नारायण मूर्ति ने रखी थी इंफोसिस की नींवनारायण मूर्ति ने विप्रो में नौकरी के लिए आवेदन किया था. जिसे अजीम प्रेमजी ने ठुकरा दिया थाआज इंफोसिस का मूल्य 6.65 लाख करोड़ रुपये है, वहीं विप्रो का मूल्य 2.43 लाख करोड़ रुपये है

नई दिल्ली: विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी की एक गलती के कारण भारत की दिग्गज टेक कंपनी इंफोसिस का जन्म हुआ था। इस बात का खुलासा खुद इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने किया। उन्होंने कहा कि विप्रो में किये उनके नौकरी के आवेदन को ठुकराने का नतीजा इंफोसिस है।

भारत के अरबपति व्यवसायी नारायण मूर्ति ने ने बीते शनिवार को सीएनबीसी-टीवी18 को दिये इंटरव्यू में इस किस्से को बताते हुए कहा कि बाद में अजीम प्रेम जी ने उनसे कहा था कि उन्हें काम पर न रखना वो अपनी बड़ी भूल मानते हैं।

77 साल के नारायण मूर्ति ने कहा, ''अजीम ने एक बार मुझसे कहा था कि उसने जो सबसे बड़ी गलती की, वह कि उसने मुझे अपने यहां काम पर नहीं रखा।''

उन्होंने आगे कहा कि अगर उन्हें अजीम प्रेम जी ने उस समय विप्रो में काम पर रख लिया गोता तो उनके लिए और प्रेमजी दोनों के लिए चीजें अलग-अलग होतीं।

नारायण मूर्ति ने साल 1981 में अपने छह दोस्तों की मदद और पत्नी सुधा मूर्तिसे मिली 10 हजार रुपये की धनराशि से इंफोसिस की नींव रखी थी। मूर्ति ने जब इंफोसिस की शून्य से शुरुआत की, उस समय प्रेमजी ने विरासत में मिले वनस्पति तेल साम्राज्य को एक आईटी सॉफ्टवेयर कंपनी के रूप में बदला था।

नाराय़ण मूर्ति की इंफोसिस के गढ़ने की शुरूआत आईआईएम अहमदाबाद से उस वक्त शुरू हुई, जब वो एक शोध सहयोगी के रूप में वहां पर नौकरी कर रहे थे। उन्होंने बाद में वहां पर मुख्य सिस्टम प्रोग्रामर के रूप में काम किया और एक सहयोगी के साथ मिलकर टीडीसी 312 के लिए भारत का पहला बेसिक दुभाषिया विकसित किया। यह 1960 के दशक के अंत में इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित कंप्यूटर था।

इसके बाद उन्होंने अपनी आईटी कंपनी सॉफ्ट्रोनिक्स शुरू की किया, जो साल 1981 में इन्फोसिस के जन्म लेने से पहले फेल हो गई थी। लेकिन बाद में नारायण मूर्ति की मेहनत रंग लाई और मौजूदा समय की बात करें तो 12 जनवरी 2024 तक इंफोसिस का मूल्य 6.65 लाख करोड़ रुपये है, वहीं विप्रो का मूल्य 2.43 लाख करोड़ रुपये है।

टॅग्स :Infosys Foundationinfosysअज़ीम प्रेमजीWiproazim premji
Open in App

संबंधित खबरें

भारतKarnataka Caste Survey: इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी ने जाति सर्वेक्षण में हिस्सा लेने से किया इनकार, जानें क्यों

भारतविप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने क्यों अस्वीकार किया मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का ये अनुरोध

कारोबारआरईबीआर 2025 रिपोर्टः टाटा समूह, गूगल इंडिया और इन्फोसिस टॉप-3 ब्रांड, नौकरी, कार्य-जीवन संतुलन, समानता और आकर्षक वेतन प्रमुख भूमिका, देखिए-10 सूची

क्राइम अलर्टइंफोफिस कंपनीः शौचालय के बगल में खड़ा होकर मोबाइल से महिला सहकर्मी की वीडियो बना रहा था कर्मचारी

कारोबारइन्फोसिस सीईओ सलिल पारेख का वेतन 80.62 करोड़ रुपये, 2024-25 में 22 प्रतिशत बढ़ा, जानें विप्रो और टीसीएस के सीईओ को कितना मिलेगा

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: टंकी फूल कराने से पहले यहां चेक करें तेल के लेटेस्ट दाम, जानें कहां मिल रहा सस्ता ईंधन

कारोबारGPS Spoofing: 'इसे हल्के में मत लो!' अंकुर चंद्रकांत का अलर्ट हुआ वायरल, कौन हैं निशाने पर?

कारोबारGold-Silver Price Today: सोना 600 रुपये गिरकर 1,31,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर, चांदी में 900 रुपये की नरमी