बिहार में हवाई सेवाओं में पिछले कुछ वर्षों में देखी जा रही अभूतपूर्व वृद्धि, 29,614 विमान आवाजाही और 42.86 लाख यात्रियों तक पहुंचा

By एस पी सिन्हा | Updated: March 21, 2025 17:48 IST2025-03-21T17:48:23+5:302025-03-21T17:48:35+5:30

आंकड़ों पर नजर डालें, तो वर्ष 2005-06 में बिहार के हवाई अड्डों से कुल 4,788 विमानों की आवाजाही हुई थी और लगभग 2.48 लाख यात्रियों ने हवाई यात्रा की थी।

Air services in Bihar have witnessed unprecedented growth in the last few years, reaching 29,614 aircraft movements and 42.86 lakh passengers | बिहार में हवाई सेवाओं में पिछले कुछ वर्षों में देखी जा रही अभूतपूर्व वृद्धि, 29,614 विमान आवाजाही और 42.86 लाख यात्रियों तक पहुंचा

बिहार में हवाई सेवाओं में पिछले कुछ वर्षों में देखी जा रही अभूतपूर्व वृद्धि, 29,614 विमान आवाजाही और 42.86 लाख यात्रियों तक पहुंचा

पटना: बिहार में पिछले कुछ वर्षों में हवाई सेवाओं में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है। साल 2005 में बिहार में केवल पटना और गया हवाई अड्डे ही कार्यरत थे। आंकड़ों पर नजर डालें, तो वर्ष 2005-06 में बिहार के हवाई अड्डों से कुल 4,788 विमानों की आवाजाही हुई थी और लगभग 2.48 लाख यात्रियों ने हवाई यात्रा की थी। वहीं, 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 29,614 विमान आवाजाही और 42.86 लाख यात्रियों तक पहुंच गया। यह क्रमशः लगभग 6 गुना और 17 गुना की वृद्धि को दर्शाता है। यह वृद्धि बिहार में हवाई संपर्कता और बुनियादी ढांचे के विकास का एक स्पष्ट संकेत है।

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि राज्य सरकार नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मार्गदर्शन और समन्वय में कार्य कर रही है। राज्य संसाधनों से हवाई अड्डों के विस्तार के लिए भूमि उपलब्ध कराई जा रही है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) आवश्यक बुनियादी ढांचे, जिसमें टर्मिनल भवन भी शामिल हैं, का विकास कर रहा है। हमारा संकल्प है कि राज्य में कोई भी स्थान हवाई अड्डे से 200 किलोमीटर से अधिक दूर न हो। 

दरभंगा सिविल एन्क्लेव, बिहार के उत्तरी क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण हवाई अड्डा है, जो भारतीय वायु सेना के स्टेशन में स्थित है। इस हवाई अड्डे से वाणिज्यिक उड़ानों की शुरुआत 8 नवंबर 2020 को हुई। इसे केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत विकसित किया गया, जिसका उद्देश्य देश के छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ना है। शुरुआत में दरभंगा से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू की गईं। 

पहले ही वर्ष में यात्रियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली और यह एयरपोर्ट बिहार के प्रमुख हवाई अड्डों में शामिल हो गया।  वर्ष 2023-24 में यहाँ से 3,335 विमानों की आवाजाही और 5.26 लाख से अधिक यात्रियों का आवागमन हुआ, जो इसके तीव्र विकास को दर्शाता है। आज दरभंगा एयरपोर्ट मिथिलांचल और उत्तर बिहार के लोगों के लिए एक अहम हवाई संपर्क केंद्र बन चुका है। 

अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इस हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है ताकि बड़े विमानों का संचालन सुगमता से हो सके। बिहार कैबिनेट द्वारा 90 एकड़ अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण के लिए ₹245 करोड़ की स्वीकृति 10 जनवरी 2025 को प्रदान की गई है। इस परियोजना का उद्देश्य दरभंगा हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित करना है। 

बिहार में हवाई संपर्कता को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों और स्वीकृत परियोजनाओं के तहत बिहार के विभिन्न हवाई अड्डों के विकास की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है। इसके साथ ही बिहार में रक्सौल ब्राउनफील्ड हवाई अड्डा की स्वीकृति प्रदान की गई है। 

वहीं बीरपुर हवाई अड्डा (सुपौल) की भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उसी तरह पूर्णिया सिविल एन्क्लेव में विकास कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। जबकि बिहटा सिविल एन्क्लेव परियोजना की भी स्वीकृति मिल गई है। राज्य सरकार के स्वामित्व वाले भागलपुर, वाल्मीकि नगर, बीरपुर, मधुबनी, मुंगेर और सहरसा हवाई अड्डों के साथ-साथ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के मुजफ्फरपुर हवाई अड्डे को उड़ान योजना के तहत विकसित करने के लिए बोलियां प्राप्त हुई हैं। 

बिहार सरकार ने 7 हवाई अड्डों के विकास को सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति प्रदान की है। ये सभी योजनाएं बिहार में हवाई संपर्कता को मजबूती प्रदान करेंगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी।

Web Title: Air services in Bihar have witnessed unprecedented growth in the last few years, reaching 29,614 aircraft movements and 42.86 lakh passengers

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