नई दिल्ली: आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लि का निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक के साथ विलय एक जुलाई से प्रभावी होगा। एचडीएफसी बैंक ने पिछले साल चार अप्रैल को आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी का खुद में विलय करने पर सहमति जताई थी। यह सौदा 40 अरब डॉलर का है। देश में कंपनी इतिहास में इसे सबसे बड़ा विलय सौदा करार दिया गया है। इस विलय के बाद देश की एक बड़ी वित्तीय सेवा कंपनी सृजित होगी।
विलय के बाद बनने वाली नई इकाई की संयुक्त रूप से संपत्ति करीब 18 लाख करोड़ रुपये होगी। इस सौदे के तहत एचडीएफसी के प्रत्येक शेयरधारक को 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे। दिलचस्प बात ये है कि इस विलय के बाद ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब कोई भारतीय बैंक दुनिया के सबसे मूल्यवान बैंकों में शुमार होगा।
ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड और हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प का गठजोड़ एक ऐसा ऋणदाता बनाता है जो जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी, इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड और बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प के बाद इक्विटी बाजार पूंजीकरण में चौथे स्थान पर है। इसकी कीमत करीब 172 अरब डॉलर है।
1 जुलाई से प्रभावी होने वाले विलय के साथ नई एचडीएफसी बैंक इकाई के पास लगभग 120 मिलियन ग्राहक होंगे जो जर्मनी की आबादी से अधिक है। यह अपने शाखा नेटवर्क को 8,300 से अधिक तक बढ़ाएगा और 177,000 से अधिक कर्मचारियों की कुल संख्या का दावा करेगा। एचडीएफसी एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी और सिटीग्रुप इंक समेत अन्य बैंकों से आगे निकल गया है।