हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप का बड़ा फैसला, इन कंपनियों की 5% हिस्सेदारी बेचने पर कर रहा विचार
By आकाश चौरसिया | Updated: August 22, 2024 16:28 IST2024-08-22T16:14:49+5:302024-08-22T16:28:13+5:30
हिंडनबर्ग रिपोर्ट से गौतम अडानी की कंपनियों को झटका लगा है, जिससे उबरने के लिए अब अडानी अपनी पावर और सीमेंट कंपनियों के 5 फीसदी शेयर को बेचने की तैयारी कर रहा है।

फोटो क्रेडिट- एक्स
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप ने कर्ज के भार से उबरने के लिए अपनी कंपनियों में शामिल त में 5 फीसदी शेयर को बेचने के लिए बोली लगाने के लिए निवेशकों का इंतजार कर रहा है। इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि प्रमोटर होल्डिंग्स में कटौती करना कंपनी चाह रही है। दुूसरी तरफ देश का तीसरा बड़ा औद्योगिक घराना अडानी ग्रुप (Adani Group) अपनी छवि बदलने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी में है।
पिछले साल जनवरी में अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप को काफी नुकसान पहुंचा था। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप ने अपनी छवि को चमकाने के लिए एक व्यापक योजना बनाई है।
सूत्रों का कहना है कि ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी अपने पारिवारिक कार्यालयों के लिए एक टॉप ग्लोबल फर्म से ऑडिटर्स और एक सीईओ हायर करने की योजना बना रहे हैं। वह ग्रुप के फैमिली ऑफिसेज में उस स्तर की पारदर्शिता लाना चाहते हैं जैसी लिस्टेड कंपनियों में रहती है।
अडानी ग्रुप का बिजनस खनन से लेकर मीडिया तक फैला हुआ है। खबरों की मानें तो अडानी ग्रुप अपनी फैमिली ऑफिसेज के अकाउंट्स का ऑडिट करने के लिए दुनिया की 6 बड़ी अकाउंटिंग फर्मों में से दो से बात कर रहा है। मकसद अडानी की वेल्थ के मैनेजमेंट में पारदर्शिता लाना है ताकि हिंडनबर्ग रिसर्च जैसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कई कमियों को उजागर किया था। इस बात पर भी सवाल उठे थे कि ग्रुप कैसे काम करता है और अपनी लिस्टेड कंपनियों को कैसे चलाता है।