Adani-Hindenburg: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और SEBI को नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में SIT जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि मामले के तथ्यों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि जांच विशेष जांच दल या अन्य एजेंसियों को सौंपी जानी चाहिए।
अडानी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडानी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा। सरकार और SEBI अदालत द्वारा नियुक्त पैनल द्वारा की गई सिफारिशों पर कार्य करने पर विचार करेंगे।
अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी ने हिंडनबर्ग विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। अडाणी ने बुधवार को शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ‘सचाई की जीत’ हुई है और उनका समूह भारत की वृद्धि की कहानी में योगदान देना जारी रखेगा।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की विशेष जांच दल (एसआईटी) या केंद्रीय अन्वेषण एजेंसी (सीबीआई) से जांच का आदेश देने का कोई आधार नहीं है। न्यायालय ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अपनी जांच तीन माह में पूरी करे।
अडाणी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला दिखाता है कि सचाई की जीत हुई है। ‘‘सत्यमेव जयते।’’ उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। अडाणी ने कहा कि भारत की वृद्धि की कहानी में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा। जय हिंद।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने पूंजी बाजार नियामक सेबी को अपनी लंबित जांच तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा है। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि इस मामले में किसी और जांच की जरूरत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयर मूल्य में हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे। यह रिपोर्ट आने के बाद समूह की कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में भारी गिरावट आई थी। हालांकि, समूह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।