The Railway Men Teaser: बॉलीवुड एक्टर आर माधवन बड़े पर्दे के साथ अब ओटीटी पर भी अपनी एक्टिंग का हुनर दिखाने जा रहे हैं। बहुचर्चित वेबसीरीज 'द रेलवे मैन' का टीजर रिलीज हो चुका है।
फैन्स को फिल्म का काफी समय से इंतजार है और फैन्स इसके रिलीज होने का इतंजार कर रहे हैं। नेटफ्लिक्स सीरीज की ये फिल्म दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा, भोपाल गैस त्रासदी पर आधारित एक मनोरंजक थ्रिलर के लिए माहौल तैयार करता है।
द रेलवे मैन का टीजर रिलीज
डेढ़ मिनट से भी छोटे टीजर में एक फैक्ट्री में होने वाली बड़ी त्रासदी और उसके आसपास तेज गति से बिखरती जिंदगी को दिखाया गया है। इसमें मुख्य अभिनेताओं आर माधवन, बाबिल खान, के के मेनन और दिव्येंदु की झलक है जो स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
टीजर एक बड़ी फैक्ट्री में गैस रिसाव की झलक के साथ खुलता है। लोग हानिकारक गैस से थोड़ी सी सुरक्षा के लिए अपनी नाक और मुंह को कपड़े से ढककर अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते देखे जाते हैं। एक वॉयसओवर कहानी बताता है और कहता है क्या वक्त भोपाल जंक्शन दिल्ली के नक्शे से गायब हो चुका है।
टीजर में दिखाया गया है कि आर माधवन मध्य रेलवे के महाप्रबंधक के रूप में प्रवेश करते हैं और स्टेशन मास्टर के के मेनन को कुछ करने के लिए कहते हैं। दिव्येंदु एक पुलिस कांस्टेबल की भूमिका निभाते हैं जो जो करना चाहिए उसे करने का कार्यभार अपने ऊपर लेता है और उन्हें आश्वस्त करता है कि वे उसकी वर्दी पर जितना भरोसा कर सकते हैं उससे अधिक उस पर भरोसा करें।
बाबिल खान की भी झलक दिख रही है जो स्टेशन पर मौजूद एकमात्र लोको पायलट लगते हैं। उन्हें यह कहते हुए सुना जाता है कि यह उनका शहर है और जो लोग मरेंगे वे उनके लोग हैं। मुख्य पात्रों और कथानक के परिचय के तुरंत बाद, पीड़ितों की कई त्वरित झलकियाँ टीजर में भर जाती हैं, जो उम्मीद के मुताबिक माहौल तैयार करती हैं।
द रेलवे मैन की कहानी
द रेलवे मेन भोपाल गैस त्रासदी के गुमनाम नायकों पर आधारित एक मनोरंजक 4-एपिसोड की श्रृंखला है। नवोदित निर्देशक शिव रवैल द्वारा निर्देशित और आयुष गुप्ता द्वारा लिखित है। यह शो भारतीय रेलवे के कर्मचारियों के अदम्य साहस और उस दौरान अनगिनत लोगों की जान बचाने के उनके प्रयासों को प्रदर्शित करेगा। यह नेटफ्लिक्स और YRF के पहले सहयोग का प्रतीक है। सीरीज 18 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी।
क्या थी भोपाल गैस त्रासदी?
भोपाल में 2 दिसंबर 1984 की रात भारत के इतिहास में एक काली रात है जिसका दर्द आज भी लोगों के जहन में जिंदा है।1984 को देर रात अमेरिकन यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के स्वामित्व वाली एक कीटनाशक फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस लीक हो गई थी।
यह बताया गया है कि उस रात पांच लाख से अधिक लोगों को जहर दिया गया था और मरने वालों की आधिकारिक संख्या 5,000 से अधिक थी। जीवित बचे हजारों लोगों ने कहा है कि वे, उनके बच्चे और पोते-पोतियां रिसाव के परिणामस्वरूप कैंसर, अंधापन, श्वसन, प्रतिरक्षा और तंत्रिका संबंधी विकारों के कारण होने वाली पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।