सुशांत केस में एक बार फिर से बहनों से पूछताछ करेगी सीबीआई, धारा 306 के जरिए होगी जांच

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: September 28, 2020 12:16 PM2020-09-28T12:16:27+5:302020-09-28T12:16:27+5:30

सीबीआई की सुई परिवार की तरफ भी मुड़ गई है। खबर के अनुसार धारा 306 के जरिए ही सीबीआई बहन प्रियंका मीतू, नीतू और प्रियंका और जीजा ओपी सिंह से पूछताछ करेगी

sushant singh rajput case interrogation with sushant family soon | सुशांत केस में एक बार फिर से बहनों से पूछताछ करेगी सीबीआई, धारा 306 के जरिए होगी जांच

सुशांत की बहनों से सीबीआई करेगी पूछताछ (फाइल फोटो)

Highlightsसुशांत सिंह राजपूत के निधन को तीन महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है।सुशांत केस में हर रोज तरह तरह के खुलासे लगातार हो रहे हैं

सुशांत सिंह राजपूत के निधन को तीन महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। सुशांत केस में हर रोज तरह तरह के खुलासे लगातार हो रहे हैं। अब इस मामले में ड्रग्स का एंगल भी सामने आ गया है। सुशांत केस की जांच इन दिनों सीबीआई और एनसीबी कर रही है। अब हर कोई एम्स के डॉक्टर्स की फॉरेंसिक रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार है।

 सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई जांच में जुटी है। वहीं अब इस मामले में बड़ी खबर सामने आई है, सुशांत सिंह राजपूत के परिवार से पूछताछ होगी।

वहीं, एबीपी न्यूज के अनुसार CBI अब सुशांत केस की जांच धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के जरिए की जाएगी। खबर के अनुसार सीबीआई की सुई परिवार की तरफ भी मुड़ गई है। खबर के अनुसार धारा 306 के जरिए ही सीबीआई बहन प्रियंका मीतू, नीतू और प्रियंका और जीजा ओपी सिंह से पूछताछ करेगी। इसके साथ ही आरएमएल के डॉक्टर से भी पूछताछ सीबीआई करेगी।

कहा जा रहा है व्हाट्सअप चैट को आधार बनाकर पूछताछ सीबीआई करेगी। इस चैट में सुशांत को डॉक्टर को दिखाने की बात कही गई है। ऐसे में अब इस केस में एक नया मोड़ आता नजर आ रहा है।

जबकि इस मामले पर एबीपी न्यूज से ही सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह का कहना है कि ये पूछताछ रिया की एफआई के कारण से की जाएगी। क्योंकि एफआईआर दर्ज है तो उस पर भी सीबीआई जांच करेगी। उनका कहना है कि परिवार पर शक का सवाल नहीं।


क्या है धारा 306

भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है, और जो भी इस तरह की आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करता / उकसाता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

लागू अपराध

आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करना / उकसाना
सजा - 10 वर्ष कारावास + आर्थिक दंड
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
 

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