मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी की नई फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' शुक्रवार 17 मार्च, 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है जिसकी कहानी बेहद दर्दनाक है। मूवी में रानी मुखर्जी बतौर एक मां के किरदार में संघर्ष करती नजर आ रही है कि कैसे वह नॉर्वे सरकार के एक नियम के कारण अपने बच्चों से दूर हो गई है।
फिल्म सागरिका भट्टाचार्ट की सच्ची कहानी से प्रेरित है जिसमें नॉर्वे के कानूनी नियमों की कमियों को उजागर किया गया है। मगर अब फिल्म की इसी सच्ची कहानी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। भारत में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्रायडेनल (Hans Jacob Frydenlund) ने फिल्म की कहानी को लेकर कहा, ये उनके देश के बारे में पूरी तरह से गलत है और इसमें तथ्यात्मक अशुद्धियां हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नॉर्वे के राजदूत ने कहा कि मेरे लिए आधिकारिक नॉर्वेजियन परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करना और तथ्यात्मक अशुद्धियों को सही करना जरूरी है, जिसके इस फिल्म में दुर्भाग्य से गलत दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि फिल्म सांस्कृतिक अंतर को मामले में प्राथमिक कारक के रूप में पेश करती है, जो पूरी तरह से गलत है।
इस विशेष मामले में किसी भी जानकारी को जाने बिना मैं साफ रूप से इनकार करता हूं कि हाथों से खाना खिलाना और एक ही बिस्तर पर सोना बच्चों को वैकल्पिक देखभाल में रखने का कारण होगा। इस मामले में नहीं और किसी भी मामले में नहीं।
नॉर्वे के राजदूत ने कहा कि फिल्म में जो दिखाया गया है उसके विपरीत नॉर्वेजियन भी अपने बच्चों को अपने हाथों से खिलाते हैं और उन्हें सोते समय कहानियां पढ़ते हैं। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी बेटियों के लिए भी ऐसा ही किया है।
जब मैं झूठे आख्यानों को दोहराता देखता हूं तो यह मेरे लिए अथाह हो जाता है। मुझे यह कल्पना करने में चिंता होती है कि हमारे भारतीय मित्र नॉर्वेजियन को निर्दयी अत्याचारी समझेंगे, जो हम निश्चित रूप से नहीं हैं।
एक्ट्रेस रानी मुखर्जी की फिल्म पर रिएक्ट करते हुए नॉर्वे के राजदूत ने आगे कहा कि हमारी अलग-अलग सांस्कृतिक प्रथाएं हैं। नॉर्वे में हमारी पालन-पोषण की अलग-अलग परंपराएं हो सकती हैं लेकिन हमारी मानवीय प्रवृत्ति अलग नहीं है। नॉर्वे में एक मां का प्यार भारत में एक मां के प्यार से अलग नहीं है।
उन्हें यह भी लगता है कि 'मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' भारतीयों को नॉर्वे जाने से नहीं रोकता है और कहा, "मुझे आशा है कि यह फिल्म जो है उसे उसी रूप में देखा जाएगा, और मुझे विश्वास है कि दर्शक यह समझेंगे कि यह एक काल्पनिक प्रतिनिधित्व है। इसमें शामिल लोगों के लिए, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अनुभव दर्दनाक था।”
बता दें कि फिल्म को आशिमा चिब्बर द्वारा निर्देशित किया गया है। फिल्म में के साथ अनिर्बन भट्टाचार्य, नीना गुप्ता जिम सर्भ महत्वपूर्ण भूमिका में हैं।