पद्मावत विवाद vs सच्चाई: पद्मावत फिल्म में रानी पद्मावती का चरित्र-चित्रण

By खबरीलाल जनार्दन | Published: January 26, 2018 09:32 PM2018-01-26T21:32:49+5:302018-01-26T21:33:49+5:30

फिल्म पद्मावत में रानी पद्मावती को नचनिया दिखाया जाने के आरोप लगे। लेकिन जब ‌फिल्म देखते हैं तो यह आरोप हास्यास्पद नजर आते हैं।

Padmavat controversy vs truth: Characterization of Rani Padmavati | पद्मावत विवाद vs सच्चाई: पद्मावत फिल्म में रानी पद्मावती का चरित्र-चित्रण

पद्मावत विवाद vs सच्चाई: पद्मावत फिल्म में रानी पद्मावती का चरित्र-चित्रण

पद्मावत फिल्‍म में रानी पद्मावती के किरदार सवालों के घेरे में है। लेकिन बस उनके लिए जिन्होंने फिल्म नहीं देखी है। जिन्होंने पद्मावत देखी है वे जानते हैं कि रानी पद्मावती वीरांगना, कुशल राजनेत्री, युद्ध नीति में निपुण, शास्‍त्रों की जानकार, अस्‍त्र और शस्‍त्रों की जानकार, चतुर नारी, कामदेव जैसा सौंदर्य, पतिव्रता और एक आदर्श क्षत्राणी की प्रतिमूर्ति के तौर पर स्‍थापित किया गया है।

फिल्म पद्मावत में रानी पद्मावती को नचनिया दिखाया जाने के आरोप लगे। लेकिन जब ‌फिल्म देखते हैं तो यह आरोप हास्यास्पद नजर आते हैं।

फिल्म देखने के बाद यह आरोप सिरे से खारिज किया जा सकता है। यह महज एक अफवाह है। फिल्म में रानी पद्मावती की एंट्री हिरन का शिकार करते होती है। अगले ही पल में वह रावल रतन सिंह के सीने के सीने से तीर निकालते नजर आती हैं। दूसरे ही पल वह मेवाड़ के राजगुरु से शास्‍त्रार्थ करते नजर आती हैं। दो सीन बाद वह मेवाड़ के न्याय विधान पर बात करती हैं। राजगुरु को कैद करने के राजा रतन सिंह के फैसले को बदलकर उसे देश निकाला दिलवा देती हैं।

चित्तौड़गढ़ महल में आते ही वह बढ़-चढ़कर महल के कामों में हिस्सा लेती हैं। जब उनके पति खाना खाते हैं तो वे पंखा हांकती हैं। यहां पर उनकी वजह से बड़ी महारानी यानी नागमती की थोड़ी उपेक्षा जरूर होती हैं। लेकिन फिल्म इस हिस्से को ज्यादा नहीं उभरने दिया गया है। ऐसे में पद्मावती लगातार महल की चहेती बनी रहती हैं।

जब बात युद्ध नीति की आती है। तब पद्मावती ही होती हैं जो बताती हैं कि अलाउद्दीन कपटी है। वह महल में आत्मसमर्पण करने नहीं आ रहा। होता भी वही है, अलाउद्दीन उन्हें देखने आया होता है। वह रतन सिंह को मना करती हैं अलाउद्दीन के छावनी में भोजन को ना जाएं यह कोई छलावा है।

वह पद्मावती ही होती हैं जो अपनी चतुर नीति से अलाउद्दीन से ही राघव नेतन का गला कटवा देती हैं। वह अलाउद्दीन के महल में दासियों के नाम पर सैनिकों को चुनर ओढ़ाकर ले जाती हैं और अपने पति को दानव की कैद से छुड़ा लाती हैं। जब बात मर्यादा की आती है वह महल की हजारों सतरानियों के साथ आग में कूदने से नहीं डरतीं। फिल्म में रानी पद्मावती का ऐसा किरदार है।

Web Title: Padmavat controversy vs truth: Characterization of Rani Padmavati

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