'पैडवूमन' जिसने 26 साल तक नहीं यूज किया सेनेटरी पैड, जानिए क्या कहते हैं पैड प्रयोग करने वालों के आंकड़े

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 7, 2018 06:39 PM2018-02-07T18:39:02+5:302018-02-07T18:46:48+5:30

पैडमैन तमिलनाडु के रहने वाले अरुणाचलम मुरुगनाथम की कहानी को पेश किया है, जिन्होंने सबसे सस्ता पैड महिलाओं के लिए बनाया। ऐसे में आज हम सभी पैडमैन को तो जानते हैं लेकिन क्या हम पैडवूमन को जानते हैं।

padman: a lady named maya know as the padwoman in india | 'पैडवूमन' जिसने 26 साल तक नहीं यूज किया सेनेटरी पैड, जानिए क्या कहते हैं पैड प्रयोग करने वालों के आंकड़े

'पैडवूमन' जिसने 26 साल तक नहीं यूज किया सेनेटरी पैड, जानिए क्या कहते हैं पैड प्रयोग करने वालों के आंकड़े

अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन 9 फरवरी को पर्दे पर रिलीज होने वाली है, फिल्म महिलाओं के पीरियड्स नें यूज किए जाए वाले सेनेटरी पैड पर बनी है। फिल्म में तमिलनाडु के रहने वाले अरुणाचलम मुरुगनाथम की कहानी को पेश किया है, जिन्होंने सबसे सस्ता पैड महिलाओं के लिए बनाया। ऐसे में आज हम सभी पैडमैन को तो जानते हैं लेकिन क्या हम पैडवूमन को जानते हैं।

पैडवूमन से जाने जानी जाने वाली माया ने 26 साल तक सैनेटरी पैड का प्रयोग ही नहीं किया था। सैनेटरी पैड का प्रयोग ना करने पर इस पैडवूमन का कहना है कि ना तो उनके पास कभी इतने पैसे थे कि वो इसको खरीद पाती और ना ही इसको यूज करने की जानकारी ही थी, हांलाकि उन्हें इस कारण सेहत से जुडी कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। अमरीका के कैलिफ़ोर्निया शहर में रहने वाली  पैडवूमन माया भारतीय हैं और जीवन के शुरुआती दिनों में वो  मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में रहती थीं। माया बीते दो सालों से  मेन्स्ट्रुएशन हाइजीन पर काम कर रही है। जो महिलाओं के पीरियड्स की परेशानियों को बताता है कि उनके लिए पैड का प्रयोग इस अवस्था में कितना जरुरी होता है। वह दो सालों से इस पर काम कर रहीं हैं, क्योंकि पीरियड्स के दौरान अनसेफ पैड(कपड़) प्रयोग में लाने से कई महिलाओं की जान तक गई है।


कपड़े का हुआ था प्रयोग

पैडवूमन माया का कहना है कि  पहली बार पीरियड्स के दौरान मैंने कपड़े का इस्तेमाल किया था,  लेकिन कपड़े के इस्तेमाल के कारण उन्हें कई बार इन्फ़ेक्शन भी हुए। जब माया दिल्ली के एम्स में पढ़ने के लिए आई तो मुझे पता चला कि इंफेक्शन के पीछे की वजह पीरियड्स के समय कपड़ा था। उसके बाद ही माया ने सैनिटरी पैड्स और उसके इस्तेमाल पर महिलाओं और बच्चियों को जागरूक करने का मन बनाया था, जिसके बाद उन्होंने पैड मैन के नाम से मशहूर अरुणाचलम मुरुगनाथम इस बारे में जानकारी ली और महिलाओं को जागरुक करने का निश्चय किया। 

जिसके बाद उन्होंने अपने कुछ दोस्तों से उधार लिया और बाकी के पैसों का जुगाड़ क्राउड फंडिंग से किया। इसके बाद उन्होंने मशीन खरीदी। माया दो कमरों के मकान में अपना काम चलाती है। वो रोजाना 1000 पैड बनाती हैं। वो पैड बनाने के साथ लोगों को इसके प्रयोग की उपयोगिता से भी रुबरु करवाती हैं। माया  दो तरह के पैड बनाती हैं,  एक तो वुड पल्प और कॉटन का इस्तेमाल कर और दूसरा पॉलीमर शीट के साथ बनाते हैं। इस दौरान काम करने वाली महिलाओं और दूसरों के हाईजीन का पूरी ख्याल रखा जाता है। जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या पैड मैन जैसी फिल्म उनके काम का और ज्यादा प्रचार प्रसार करती है?    

सैनेटरी पैड प्रयोग करने वालों के आंकड़े

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 4 की रिपोर्ट के मुताबिक  15  से 24 साल की उम्र की लड़कियों में 42 फीसदी महिलाएं सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं। जबकि  62 फीसदी महिलाएं पीरियड्स के दौरान कपडे का इस्तेमाल करती हैं। वहीं, 16 फीसदी महिलाएं लोकल स्तर पर बनाए गए पैड का इस्तेमाल करती हैं। माया खुद भी उन महिलाओं में शामिल थी जो कपड़े का इसतेमाल करती है । 

Web Title: padman: a lady named maya know as the padwoman in india

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