हिम्मत को सलाम: मॉडलिंग छोड़ मरीजों का इलाज करेंगी मिस इंग्लैंड भाषा मुखर्जी, लोग कर रहे जमकर तारीफ
By अमित कुमार | Published: April 7, 2020 04:56 PM2020-04-07T16:56:47+5:302020-04-07T16:56:47+5:30
24 वर्षीय भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी का जन्म भारत में हुआ था। लेकिन परिवार वालों की वजह से वह बचपन में ही ब्रिटेन में शिफ्ट हो गई थीं।
साल 2019 में मिस इंग्लैंड का ताज जीतने वाली भाषा मुखर्जी ने एक बड़ा फैसला लिया है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए वह कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आई हैं। 2019 में मिस इंग्लैंड बनी भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी ने खिताब छोड़ अब डॉक्टर का काम जारी रखने का फैसला किया है। जरुरतमंद लोगों का इलाज करने के लिए अब वह एक डॉक्टर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाएंगी।
डॉक्टरी करियर से ब्रेक लेकर मॉडलिंग में आने वाली भाषा मुखर्जी के इस फैसले से हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक भाषा मुखर्जी के पास दो मेडिकल डिग्रियां हैं। मेडिकल साइंस और मेडिसिन एंड सर्जरी में डिग्री हासिल कर चुकी भाषा की कोशिश अब इनके सही इस्तेमाल पर होगी। इतना ही नहीं भाषा के पास 5 अलग-अलग भाषाओं में अच्छी कमांड भी है।
24 वर्षीय भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी का जन्म भारत में हुआ था। लेकिन परिवार वालों की वजह से वह बचपन में ही ब्रिटेन में शिफ्ट हो गई थीं। मेडिकल साइंस की पढ़ाई के दौरान उन्होंने ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया। इसके साथ ही उनकी दिलचस्पी मॉडलिंग में बढ़ती गई, लेकिन कोरोना वायरस से फैले पूरी दुनिया के संकटों को देखते हुए उन्होंने बतौर डॉक्टर ही अपनी जर्नी को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।