Meena Kumari Death Anniversary: बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में जब भी एक्ट्रेस के नाम का जिक्र हो और उसमें मीना कुमारी का नाम शीर्ष पर शामिल न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। ट्रेजेडी क्वीन के नाम से फेमस मीना कुमारी ने बॉलीवुड में अपनी ऐतिहासिक पहचान बनाई है। भले ही मीना कुमारी आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी नायाब अदाकारी को सभी याद करते हैं।
कम उम्र में ही बॉलीवुड में पहचान बनाने वाली मीना कुमारी की फिल्मी दुनिया जिनती शौहरत से भरी थी उतनी ही पर्सनल लाइफ दर्द से भरी थी। न दौलत की कमी, न खूबसूरती की कमी, फिर भी मीना कुमारी जिंदगी भर प्यार के लिए तरसती रहीं। मीना कुमारी जितनी खूबसूरत थीं, उनकी जिंदगी उतनी ही दर्दनाक थी। आकर्षक रूप और खूबसूरत नैन-नक्श की रानी की 31 मार्च 1972 को कोमा में जाने के बाद मृत्यु हो गई।
आज उनकी डेथ एनिवर्सरी के दिन महान एक्ट्रेस की निजी जीवन पर एक नजर डालते हैं जिसके बारे में शायद ही आप को पता हो।
कम उम्र में परिवार संभालने लगी थीं मीना कुमारी
मुंबई के दादर में जन्मी मीना कुमारी का बचपन संघर्ष और गरीबी में बीता। उनके पिता जिनकी पहले से दो बेटियां थी वह एक बेटा चाहते थे लेकिन मीना के होने के बाद वह दुखी हो गए और बेटी को अनाथालय में छोड़ आए। हालांकि, मीना कुमारी के मां के रोने पर वह बेटी को वापस ले आए। मीना कुमार चार साल की थीं जब उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया। महजबीन उर्फ मीना कुमारी के पिता उन्हें जबरन सेट पर ले जाते थे। काम की वजह से मीना कुमारी की पढ़ाई और साथ ही उनका बचपन भी पीछे छूट गया।
मीना कुमारी 'ट्रेजेडी क्वीन' के नाम से सबसे ज्यादा मशहूर हुईं। लेकिन उनका असली नाम महजबीन बानो था। मीना कुमारी ने लगभग चार साल की उम्र में फिल्मों में अभिनय करना शुरू कर दिया था। डायरेक्टर विजय भट्ट ने 'लेदरफेस' में मीना कुमारी को कास्ट किया था। 13 साल की उम्र तक उन्होंने 'अधूरी कहानी', 'पूजा', 'एक ही भूल', 'नई रोशनी', 'कसौटी', 'विजय', 'गरीब', 'प्रतिज्ञा', 'बहन' और 'लाल हवेली' फिल्मों में काम किया था। मीना कुमारी ने ज्यादातर विजय भट्ट के साथ काम किया। उन्हें मीना कुमारी का नाम 'महजबीन' पसंद नहीं था। इसलिए विजय भट्ट ने मीना कुमारी का नाम 'बेबी मीना' रख दिया।
गुलजार साहब के लिए ये चीज छोड़ गईं मीना कुमारी
अपने आखिरी दिनों में मीना कुमारी गुलजार के नजदीक आ गई थी। हालांकि, मीना के पति कमाल अमरोही पत्नी पर शक करते थे। शक के कारण वह मीना कुमारी पर खास नजर रखते थे उनके साथ उन्होंने बॉडी गार्ड तैनात किए थे। इस प्रतिबंध से तंग आ चुकी मीना कुछ पल का सुकून चाहती थी। इसी दौरान वह गुलजार के भी करीब आईं। दोनों को शायरी का बहुत शौक था।
यही एक वजह थी जो मीना को गुलजार के करीब ले आई। मीना कुमारी की शायराना शैली और अभिनय से गीत और फिल्म लेखक भी प्रभावित हुए। फुरसत के क्षणों में वे दोनों इस साझा हित पर बात करते रहते थे। अपने जीवन के आखिरी दिनों में मीना कुमारी ने अपनी वसीयत में गुलज़ार के नाम एक बेशकीमती चीज छोड़ी थी। उन्होंने अपनी निजी डायरियां, जिनमें वे कविताएं लिखा करती थीं, गुलजार को सौंप दीं और दुनिया को अलविदा कह गईं।
प्यार को तरसती रहीं मीना कुमारी
मीना कुमारी की लव लाइफ का पहला अध्याय लेखक और निर्देशक कमाल अमरोही के साथ शुरू हुआ। दिग्गज पत्रकारों का कहना है कि कुमारी ने एक अखबार में उनकी फोटो देखी थी और तभी से उन्हें पसंद कर लिया था। इसके बाद जब उनकी मुलाकात हुई तो कमल को उन पर फिदा होने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। हालाँकि, कमल पहले से ही दो पत्नियों और तीन बच्चों के पिता थे। इसके बावजूद मीना ने उनसे प्यार करने की हिम्मत की।
मीना कुमारी और कमाल अमरोही ने गुपचुप तरीके से शादी कर ली थी। कई महीनों तक किसी को कुछ पता नहीं चला लेकिन जब एक्ट्रेस के पिता को इस बारे में पता चला तो मीना अपनी सारी पैतृक संपत्ति वहीं छोड़कर कुछ साड़ियां लेकर चली गईं। शुरुआत में तो सब कुछ अच्छा था, लेकिन बाद में कमाल और मीना के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कमाल को मीना की लोकप्रियता बर्दाश्त नहीं हुई और उन्होंने उन पर बंदिशें लगा दीं। ऐसे में सालों बाद मीना ने कमल से अपना रिश्ता खत्म कर लिया।