ये दिल मांगे मोर, कैप्टन विक्रम बत्रा द्वारा बोले गए ये शब्द आज हर किसी की जुबान पर हैं। " मैं दुश्मन को शहीद कर के आऊंगा या तिरंगे में लिपट कर आऊंगा लेकिन आऊंगा जरूर। " ये कोई डायलॉग्स नहीं बल्कि अमर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा द्वारा बोले गए उनके अपने बोल हैं जिन्हें अब दर्शक फिल्म में देख सुन रहे हैं।
कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर आधारित फिल्म शेरशाह हाल ही में रिलीज हुई है, अपने रिलीज के बाद से ही इसने दर्शकों को रोमांचित किया हुआ है और लोग इसे फिल्म ऑफ द ईयर के रूप में घोषित कर चुके हैं। इस फिल्म के माध्यम से दर्शकों ने कैप्टन विक्रम बत्रा के पराक्रम को तो जाना ही लेकिन इसके साथ साथ उनकी प्रेम कहानी के बारे में भी जाना।
कैप्टन विक्रम बत्रा और उनकी प्रेमिका डिंपल चीमा की प्रेम कहानी सुनकर लोग हैरान हो रहे हैं, विक्रम के शहीद होने के बाद उनकी प्रेमिका डिंपल चीमा ने शादी नहीं की और उनकी विधवा बनकर जीने का फैसला किया।
एक इंटरव्यू के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता गिरिधर लाल बत्रा ने उनकी गर्लफ्रेंड डिंपल चीमा के बारे में कई खुलासे किए हैं उन्होंने बताया कि डिंपल उन्होंने साल में दो बार ही कॉल करती है।
एक इंटरव्यू के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता गिरिधर लाल बत्रा ने बताया, "डिंपल हमें साल में केवल दो बार ही कॉल करती हैं। एक बार मेरी पत्नी कमल कांत शर्मा के बर्थडे पर और दूसरी बार मेरे बर्थडे पर। क्या उन्होंने कभी डिंपल चीमा को शादी के लिए नहीं मनाया, इस सवाल पर गिरधर लाल बत्रा ने कहा, " हमने कई बार उन्हें शादी के लिए कहा लेकिन डिंपल चीमा ने मना कर दिया, डिंपल ने कहा कि वो अपनी बाकी की जिंदगी विक्रम की याद के सहारे बिता लूंगी।
विक्रम बत्रा को 1997 में 13वीं बटालियन जम्मू और कश्मीर राइफल्स के लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना में कमीशन किया गया था। बाद में, उन्हें युद्ध के मैदान में ही कैप्टन के पद पर पदोन्नत किया गया था। देश के लिए कुर्बान होने से पहले विक्रम बत्रा ने अपनी प्रेमिका डिंपल को मंगेतर बनाया। लेकिन दुर्भाग्य से जंग के बीच विक्रम शहीद हो गए। उनकी शहादत के बाद डिंपल ने किसी से भी शादी नहीं की और आज भी बिक्रम की याद में अपनी जिंदगी बीता रही हैं।