बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपनी एक्टिंग के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग पहचान स्थापित की है। लेकिन मनोज के लिए यह सफर तय करना कतई आसान नहीं था। इंस्टाग्राम पर पुराने दिनों को याद करते हुए अपने जीवन से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया। मनोज ने बताया कि कैसे पैसे नहीं होने के कारण उन्हें कभी वडा पाव भी बहुत महंगा लगता था।
ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे नाम के इंस्टाग्राम पेज पर मनोज बाजपेयी ने अपना एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में वह बताते हैं कि 9 साल की उम्र में ही उन्होंने सोच लिया था कि वो फिल्मों में काम करेंगे। लेकिन पांच भाई बहन वाले गरीब परिवार में इस तरह के सपने देखना खुद का मजाक उड़ाना जैसा था। गांव के सभी लोगों ने मुझे नकारा घोषित कर दिया था।
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डायरेक्टर ने तस्वीर फाड़ दे डाली थी फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने की सलाह
मनोज ने अपनी बात को आगे जारी रखते हुए कहा कि पहली बार जब वह घर छोड़कर मुंबई आए तो उनके पिता ने उन्हें दो सौ रुपए दिए थे। 17 साल की उम्र में दिल्ली यूनिवर्सिटी में मैंने एक्टिंग सीखने के लिए थिएटर ज्वाइन कर लिया। मैं एक आउटसाइडर था जिसके लिए काम पाना बेहद मुश्किल था। एक बार तो एक डायरेक्टर ने मेरी तस्वीर फाड़कर फेंक दी और मुझसे कहा कि मैं कभी एक्टर नहीं बन सकता।
काम नहीं मिलने के कारण आते थे सुसाइड के ख्याल
मनोज ने कहा कि इस दौरान मैं किराए के लिए पैसा निकालने के लिए संघर्ष करता रहा और कई बार तो मुझे वडा पाव भी महंगा लगता था। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से तीन बार रिजेक्ट होने के बाद मेरे मन में बार-बार आत्महत्या करने का ख्याल आता था। लेकिन मेरे दोस्तों ने कभी मुझे अकेला नहीं छोड़ा। मनोज ने कहा, शेखर कपूर ने मुझे बैंडिट क्वीन में कास्ट कर मौका दिया। इसके बाद महेश भट्ट की टीवी सीरीज में मुझे एक रोल ऑफर किया गया। फिर मेरे काम को पहचाना गया और मुझे कुछ समय बाद सत्या में काम करने का मौका मिला।
View this post on InstagramAn open letter addressed to Mumbai, my कर्मभूमि. Do watch this and #BhonsleTheMovie on #SonyLIV.
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