सुभद्राकुमारी चौहान की कविता 'खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी' को बचपन से सुनते आए हैं और हम सबने झांसी की रानी को लेकर एक वही पहचान भी बना ली है। अब उसी झांसी की रानी को पर्दे पर लेकर आई हैं एक्ट्रेस कंगना रनौत। 'मणिकर्णिकाः द क्वीन ऑफ झांसी' आज पर्दे पर रिलीज हो गई है। फिल्म में बहुत कुछ है लेकिन फिर भी सब कुछ नहीं है।
फिल्म कई जगह आपको उत्साहित तो कई जगह कमजोर महसूस होगी लेकिन हां इतना जरुर है अंग्रेजों के आगे कैसे एक देश की बेटी लड़ी थी वो जोश देशभक्ति का जरुर देखने को मिलेगा। फिल्म देखने से पहले जाने लें किसने कितने स्टार इस फिल्म को दिए हैं।
तरन आदर्श ने फिल्म की जमकर तारीफ की है और इसको पावरफुल बताया है, उन्होंने कंगना के अभिनय को सराहा है साथ ही फर्स्ट सेकेंड हॉफ के साथ साथ पूरी ही फिल्म की तारीफ की है उन्होंने फिल्म को 3 स्टार दिए हैं।
बॉलीवुड हंगामा ने फिल्म को 3 स्टार दिए है और ट्वीट करते हुए लिखा है कि #MANIKARNIKATHEQUEENOFJHANSI अपने उच्च बिंदु के रूप में सही पैमाने और भावनात्मक भागफल और लड़ाई के अनुक्रम के साथ एक अच्छी तरह से बनाया गई ऐतिहासिक फिल्म है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी क्रिटिक्स लेविल पर फिल्म की जमकर तारीफ की है और रिव्यू पर फिल्म को 3.5 स्टार दिए हैं।
'मणिकर्णिकाः द क्वीन ऑफ झांसी की कहानी शुरआत लगान फिल्म की तरह अमिताभ बच्चन की आवाज़ से होती है। कहानी मणिकर्णिका के जन्म से शुरू होती है और बचपन में ही ऐलान कर दिया जाता है कि उसकी उम्र लंबी न हो लेकिन उसका नाम इतिहास के पन्नो में लिखा जाएगा। कंगना रनौत की एंट्री बाघ के शिकार के साथ बड़े ही शानदार तरीके से होती है, इतनी ही नहीं कंगना बेहद खूबसूरत भी लगती हैं।
मणिकर्णिका बड़ी ही चतुर, बहादुर और अष्ट्र शास्त्र में निपुंड होती हैं. झांसी के राजा के लिए मणिकर्णिका को चुना जाता है और शादी के बाद उसका नाम लक्ष्मीबाई हो जाता है। उस वक़्त अंग्रेज़ झाँसी को हड़पना चाहते थे। इसलिए रानी के पुत्र के निधन के बाद से ही अंग्रेज झांसी को 'हड़प की नीति' के तहत हड़पने की कोशिश करते हैं लेकिन लक्ष्मी बाई ये ऐलान कर देती है कि वो अपनी झांसी किसी को नहीं देगा। पूरी फिल्म में फोकस झाँसी पर है और किस तरह से झाँसी की रानी वीरता से अपने राज्य के लिए लड़ाई करती है. फिल्म की कहानी गद्दारी और देशभक्ति से भरी हुई है।