कंगना रनौत की फिल्म 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' शुक्रवार को रिलीज़ हो चुकी है। ऐसा माना जा रहा है यह साल 2019 की पहली बिग बजट फिल्म है, जो करीब 125 करोड़ के बजट में बनी है। ‘मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी’ दर्शकों से दर्शकों का मिक्स रिएक्शन मिल रहा है। फिल्म पर पहले ही इतनी पब्लिसिटी हो चुकी है कि अब सबकी नजर इस फिल्म के पहले दिन के कलेक्शन पर सभी की नज़रें हैं।
मणिकर्णिका को शुक्रवार को लगभग 3000 स्क्रीन्स पर रिलीज़ हुई है, जबकि विदेशों में 700 स्क्रीन्स पर रिलीज़ हुई है। इस फिल्म ने पहले दिन 8 करोड़ का कलेक्शन किया है। लेकिन यह माना जा रहा है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स मिल सकता है।
इस फिल्म में लीड रोल में कंगना रनौत हैं। लेकिन कंगना के अलावा भी एक से बढ़कर एक कलाकार हैं। दर्शकों को इसमें डैनी डैंग्जोपा, कुलभूषण खरबंदा और जीशान आयूब जैसे कलाकार अहम किरदारों में दिखाई दिखे हैं।
कमजोर डायरेक्शन फिल्म की सबसे बड़ी कमी है। आप फिल्म की कहानी से कनेक्ट नहीं कर पाते। पूरी फिल्म आपको ओवर ड्रामेटिक और इमोशनल लगती है। कई सीन्स बड़े ही दोहराते भी लगते है। पूरी फिल्म में कमजोर डायरेक्शन और बचकानी बातें देखने को मिलेगी। इतना ही नहीं अंग्रेजो के बोलने का एक्सेंट और तरीका बड़ा ही अजीब लगता है। हालाँकि कुछ सीन्स आपको इम्प्रेस करेंगे जैसे रानी लक्ष्मी बाई के बेटे और पति के निधन वाले सीन हों या अंग्रेजों के सामने उनका सिर ना झुकाना या तलवारबाजी के शानदार सीन, लेकिन बैटल सीन्स बहुत ही वीक है। एक सीन में रानी लक्ष्मी बाई गांव में जाकर जमकर डांस करती हैं, वो सीन आपको हैरत करे देगा और आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे की क्या रानी लक्ष्मी बाई के किरदार के साथ इन्साफ हुआ है ?
फिल्म में कंगना रनौत रानी लक्ष्मीबाई के किरदार में पूरी तरह से नहीं जमती हैं। कई जगह उनका अभिनय शानदार है लेकिन कई बार उनके एक्सप्रेशंस ओवर हो जाते हैं। उनकी आवाज़ रानी लक्ष्मी बाई के दमदार किरदार से मैच नहीं हो पाती। कंगना की पतली आवाज़ और पतला शारीर आपको उन्हें झांसी की रानी लक्ष्मी बाई मानने से इनकार कर देगा। कई जगह कंगना योद्धा के रूप में नाजुक लग रही है लेकिन कई जगह अपने एक्शन से उन्होंने किरदार में जान डाली है। कंगना की तलवारबाजी सीन काबिले तारीफ़ है। ये फिल्म कंगना के करियर की सबसे बेस्ट फिल्म हो सकती थी लेकिन अगर इसे संजय लीला भंसाली जैसे मंझे हुए डायरेक्टर का साथ मिलता जिन्होंने अपने शानदार और ज़बरदस्त डायरेक्शन से बाजीराव मस्तानी और पद्मावत जैसी फिल्मो को सुपर डुपर हित बनाया है।