बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत अक्सर ही अपने बेबाक अंदाज के कारण चर्चा का विषय बनी रहती हैं। वो हर एक मुद्दे पर खुलकर बात रखती नजर आती हैं। मगर इस बार मेंटल हेल्थ पर ट्वीट करने के कारण यूजर्स ने उन्हें ट्रोल कर दिया। हालांकि, हर बार की तरह इस बार भी कंगना ने सभी यूजर्स को जवाब भी दिया।
दरअसल, कंगना ने ट्वीट कर लिखा था, 'मानसिक बीमारी का कोई मेडिकल प्रूफ नहीं होता है। सच्चे टैलंट को मीडियॉकर लोग इसी का शिकार बता देते हैं और वर्चुअल इमोशनल लिंचिंग करते हैं। इस पर एक न्यूरोसाइंटिस्ट ने जवाब दिया है कि क्या हर बात पर अपनी राय देना जरूरी है? जब तक सही जानकारी और अनुभव न हो तब तक अपने दायरे में रहना चाहिए।' इसपर कई डॉक्टर्स के साथ यूजर्स ने उनके ट्वीट पर उनसे कई सवाल किए थे, जिसके बाद उन्होंने कई लोगों को जवाब भी दिए।
ऐसे में कई डॉक्टरों ने जहां उनकी आलोचना की तो कुछ लोगों ने उनके ऊपर मीम्स बनाकर उन्हें ट्रोल करना भी शुरू कर दिया। ये रिएक्शन तब सामने आए जब एक डॉक्टर ने कंगना रनौत के ट्वीट का रिप्लाई किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'उन्हें अपने आपमें ही रहने देते हैं। उन्हें वाइट मैटर, ग्रे मैटर, न्यूरोट्रांसमीटर और उनके इंटरेक्शन के बारे में कुछ नहीं पता है। ये वहीं लोग हैं, जोकि बिना किसी सबूत के एक धार्मिक कहावत को मानते होंगे लेकिन मानसिक बीमारी के रूप में गंभीर चीज के लिए सबूत की मांग करेंगे।'
खास बात तो ये रही कि इसपर कंगना रनौत ने जवाब भी दिया है। उन्होंने रिप्लाई देते हुए कहा, 'वाइट मैटर, ग्रे मैटर और न्यूरोट्रांसमीटर के बारे में मुझे पता है। मैं भी एक विज्ञान की स्टूडेंट रही हूं। मैंने भी ब्रेन के प्रोजेक्ट पर काम किया है, जहां मैंने 3डी मॉडल ह्यूमन ब्रेन का बनाया था। मैंने ह्यूमन साइकोलॉजी के प्राइवेट ट्यूशन भी लिए हैं।' इसके बाद एक डॉक्टर ने उनके ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैं अपनी डिग्री आत्मसमर्पित कर दिया है। मैं इसे यही छोड़ता हूं।'
हालांकि, इसके बाद एक और यूजर ने कंगना को जवाब दिया कि साइकियाट्रिस्ट के पास जाने को साइकॉलजी में प्राइवेट ट्यूशन के तौर पर नहीं गिना जा सकता। तुमको तो हर चीज और हर किसी के बार में सब पता है। इसपर उन्होंने लिखा, 'मैंने न्यूयॉर्क में स्क्रीनराइटिंग का कोर्स किया है। इसमें ह्यूमन साइकॉलजी 6 महीने के कोर्स का हिस्सा था। मैंने दो साल के लिए इस कोर्स को बढ़वा लिा था। मुझे भले ही सब कुछ ना पता हो पर काफी कुछ पता है, क्या इससे कोई तकलीफ है?'