मुंबईः हिंदी फिल्मों के दिग्गज अभिनेता इरफान खान को आज गए पूरे दो साल हो गए। आज ही के दिन इस महान अभिनेता ने कैंसर से जूझते हुए अंतिम सांस ली। इरफान खान ने अपनी जिद और लगन से हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। तीन दशक के अपने अभिनय करियर में उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में कीं लेकिन तिग्मांशु धूलिया की पान सिंह तोमर को सबसे करीब रखते थे।
इस फिल्म को लेकर एक बातचीत के दौरान इरफान ने उन सीन्स के बारे में जिक्र किया था जो उनके पसंदीदा थे। हालांकि फिल्म से उस सीन को हटा दिया गया था। इस बारे में बात करते हुए इरफान खान ने चर्चित टीवी शो गुफ्तगू में कहा था कि पान सिंह तोमर में उनका एक युवा किरदार था जिसे करने से उन्होंने मना कर दिया था। तिग्मांशु धूलिया ने इसपर हैरानी जताई थी। तिग्मांशु के वजह पूछने पर इरफान खान ने कहा था कि वह युवा नहीं दिख सकते। बकौल इरफान- मैं ये नहीं लग सकता, मैें 16 साल का नहीं दिख सकता। मैं एक्ट कर सकता हूं लेकिन ये सिनेमा है। किसी और को ढूंढते हैं।
इरफान ने बताया कि इसके लिए कई लड़के लाए गए लेकिन कोई फाइनल नहीं हुआ। लेकिन एक दिन एक साथ कई लड़के सेट पर आए। मैं और तिग्मांशु साथ बैठे थे। वे सभी हमारी तरफ आ रहे थे। उनमें से एक को देखकर मैं कह दिया ये आ रहा पान सिंह। इरफान ने आगे कहा कि वो लड़का बिल्कुल मेरी तरह ही दिख रहा था। उसे कुछ करने की जरूरत ही नहीं थी। मेरे से ज्यादा मासूम।
उस अनदेखे सीन पर लौटते हुए इरफान ने बताया कि उसके कुछ मजेदार सीन थे। वह घर से बाजार जाता है मिर्ची खरीदने। वहां मिर्ची के दुकान पर पर्चे बांटे जा रहे हैं कि आर्मी में आओ, आर्मी में भर्ती होओ। वो पर्चा देखता है और आर्मी में जाने का फैसला कर लेता है। इरफान आगे बताते हैं कि वह ट्रैक्टर पर रूड़की जाता है लेकिन वह रास्ते में ही खराब हो जाता है। ड्राइवर से पूछता है कितना टाइम लगेगा। इसपर ड्राइवर कहता है कि ज्यादा समय लगेगा। फिर पूछता है कि रूड़की कितना दूर है तो वह बताता है कि 20 किमी। वह वहीं से भागना शुरू कर देता है।
गौरतलब कि पान सिंह तोमर के लिए इरफान खान को 2013 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया था। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता ने ‘लाइफ ऑफ पाई’, ‘द नेमसेक’ और ‘हासिल’ जैसी फिल्मों में अलग-अलग तरह के किरदार निभा कर अपने अभिनय से लोगों का दिल जीता था।