अमोल पालेकर बॉलीवुड के ऐसे अभिनेता थे जिनकी छवि कभी ना भूलने वाली एक्टिंग के दम पर की जाती है। अमोल ने शायद ही एक्शन या थ्रिलर फिल्म की हो, लेकिन उन्होंने हमेशा से ऐसे किरदार पर्दे बेहद शादगी के साथ निभाए जो फैंस को आज तक दीवान करे हैं। अमोल का जन्म 24 नवंबर, 1944 में हुआ था। उन्होंने करियर की शुरुआत एक मराठी फिल्म से की थी। इसके बाद साल 1974 में बसु चटर्जी की फिल्म 'रजनीगंधा' में उन्होंने बॉलीवुड में छाप छोड़ी। शांत, धीर अभिनय हो या फिल्मों में कॉमेडी का तड़का हो आज तक अमोल की जगह कोई भी नहीं ले पाया है और शायद कभी ले भी नहीं पाएगा। आइए आज अमोल के जीवन से जुड़े कुछ खास किस्सों को जानते हैं
पेंटिंग में रुचि
जितने अच्छे अमोल अभिनेता हैं उससे भी अच्छे वो पेंटर हैं। कॉलेज के दिनों से ही पेंटिंग में उनका खास लगाव था। अमोल ने खुद कई बार कहा है कि ट्रेनिंग पाकर पेंटर बना लेकिन दुर्भाग्यवश एक्टर बन गया। यानि अमोल एक समय में पेंटर बनना चाहते थे लेकिन किस्मत को उनका अभिनेता बनना मंजूर था।
कॉमेडी में बेजोड़ बादशाह
अमोल पालेकर ने रजनीगंधा, जैसी फिल्मों में शांत अभिनय की गहरी छाप छोड़ी। लेकिन वह एक ऐसे कलाकार थे कि कॉमेडी नें भी उन्होंने हर किसी को पीछे छोड़ा है। गोलमाल में डबल रोल में उनका नायाब अभिनय आज तक फैंस को गुदगुदा जाता है। रंग बिरंगी, श्रीमान श्रीमती और नरम गरम जैसी फिल्मों से उन्होंने दर्शकों को खूब हंसाया।
किया शाहरुख को डायरेक्टर
अभिनय का लोहा मजवाने के बाद उन्होंने निर्देशन में भी शानदार काम किया है। उन्होंने फिल्मों के अलावा कुछ सीरियल्स का भी निर्देशन किया। अमोल ने साल 1981 में मराठी फिल्म 'आक्रित' से डायरेक्शन में कदम रखा था। उन्होंने किंग खान को लेकर फिल्म पहेली बनाई। ये फिल्म तो कोई खास कमाल नहीं पाई इसको ऑस्कर के लिए बेस्ट फॉरेन लैंगुएज फिल्म कैटेगरी में इंडियन एंट्री डिक्लेयर किया गया था।
मिला सम्मान
1971 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। डेढ दशक तक अपने अभिनय की गहरी छाप छोड़ने वाले अमोल को केवल एक बार फिल्मफेयर से सम्मानित किया गया था। 1980 में यह अवॉर्ड उन्हें 'गोल माल' के लिए दिया गया था।