मधुर आवाज से फैंस के दिलों में घर करने वाली अलका याग्निक का आज जन्मदिन है। 20 मार्च 1966 को जन्मीं अलका 90 के दशक की हर हीरोइन की आवाज कही जाती थीं। अलका याग्निक का जन्म कोलकाता में हुआ। गुजराती परिवार से ताल्लुक रखने वाले अलका के घर का माहौल संगीतमय था, उनकी मां शुभा याग्निक शास्त्रीय गायिका थी।
अलका ने 1,114 फिल्मों के लिए करीब 2,482 गाने गाये हैं, अलका याग्निक के गाये गाने बॉलीवुड के इतिहास के कई प्रसिद्ध गाने है। इन गानों में गजब का है दिन , एक दो तीन, चुरा के दिल मेरा जैसे गाने शामिल हैं, जिनको आज भी फैंस गुनगुनाए बिना नहीं रह पाते हैं। लेकिन इस सिंगर की अगर निजी जिंदगी बात की जाए तो ये बहुत अलग थी। 25 साल से सिंगर अपने पति से अलग रह रही है। आज उनके जन्मदिन पर उनके पति (नीरज) और प्रेम कहानी के बारे में फैंस को रुबरु करवाते हैं। अलका-नीरज की पहली मुलाकात
अलका याग्निक और नीरज की 1986 में दिल्ली में पहली मुलाकात हुई थी। उस वक्त नीरज शिलॉन्ग बेस्ड बिजनेसमैन थे और गायिका दिल्ली ट्रेन से अपनी मां के साथ जा रही थीं और नीरज उनकी मां के दोस्त के भतीजे थे और स्टेशन पर दोनों को रिसीव करने पहुंचे थे। यही वो पल थे जब ये दूसरे से टकराए थे। इस बाद फिर ये दोनों धीरे धीरे एक दूसरे के टच में आने लगे। कहा जाता है कि करीब 6 माह तक एक दूसरे के समझ कर इन्होंने अपने रिश्ते को आगे बढ़ाया था। रखी दी थी शर्त
दोनों का रिलेशन दो साल तक चला जिसके बाद दोनों ने अपने परिवार को अपने बारे में बताया था। फिर 1988 में दोनों अपने प्यार का खुलासा परिवार से तब किया जब अलका का गाना एक दो तीन पर्दे पर धूम मचा रहा था। लेकिन शादी की राह इनती आसान नहीं थी, दोनों के लिए उनका काम खासा परेशानी का कारण बना। इनका परिवार नहीं चाहता था भविष्य में दूर रहने के कारण रिश्ते में कोई परेशानी आए। लेकिन अंत में इनके परिवार वालों को इनके आगे झुकना ही पड़ा। क्योंकि दोनों अलग अलग प्रोफेशन से थे। क्यों पति नहीं रहे मुंबई
अक्सर ये कहा जा रहा है कि अलका की अपने पति से बनती नहीं है इसलिए वह मुंबई रहती हैं अगर सब ठीक होता तो नीरज मुंबई शिफ्ट हो जाते। इ्स पर अलका ने एक इंटरव्यू में कहा था कि नीरज ने मुंबई में भी बिजनेस शुरू करने की कोशिश की। लेकिन वो एक साधारण शहर के लड़के हैं और मुंबई में उनके बहुत सारे पैसे डूब गए। इसलिए मैंने उनसे कहा कि वह शिलॉन्ग में ही बिजनेस को बढ़ाएं। नीरज समय-समय पर मुंबई आते रहते। अलका भी साल में एक महीने के लिए शिलॉन्ग जाकर ससुराल वालों के साथ रहती थीं। पति से हुईं थीं अलग
लेकिन एक समय ऐसा आया था जब अलका और पति नीरज से अलग हुई थीं, लेकिन दोनों ने कभी कानूनी तौर पर एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा था। बहुत से मसलों के कारण दोनों करीब 4-5 साल अलग भी रहे। लेकिन फिर दोनों को एहसास हुआ कि दोनों एक-दूसरे से अलग नहीं रह सकते। जिसके बाद दोनों ने एक बार फिर से अपने दिल की आवाज सुनी थी और हमेशा के लिए दूसरे का हाथ फिर से थामा था।