कॉमेडियन वीर दास स्टारर वेब सीरीज हसमुख पिछले कुछ वक्त से सुर्खियों में बनी हुई है। इस सीरीज को लेकर कई तरह के सवाल उठाए गए हैं। वेब सीरीज पर अंतरिम रोक लगाने की मांग कर ये दलील दी गई थी कि इससे वकीलों की छवि खराब हुई है।
ऐसे में अब दिल्ली हाई कोर्ट ने नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज 'हसमुख' की स्ट्रीमिंग पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है। दरअसल इस वेब सीरीज पर ऐसे आरोप लग रहे हैं कि इस सीरीज में कानून के पेशे को गलत और अमानवीय तरीके से दिखाया जा रहा है। ऐसे में नोटिस में कहा गया है कि संबंधित कॉन्टेंट को हटाया जाए और बिना शर्त माफी मांगी जाए।
हसमुख वेब सीरीज 17 अप्रैल को रिलीज हो चुकी है। बता दें कि अभिषेक भारद्वाज और हार्दिक वशिष्ठ नाम के वकील की ओर ये नोटिस भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि संबंधित कॉन्टेंट को हटाया जाए और बिना किसी भी शर्त के माफी मांगी जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू की जा सकती है।
हसमुख की कहानी
वेब सीरीज की कहानी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से शुरू होती है। यहां हसमुख नाम का कॉमेडियन है, जिसकी ना तो घर में इज्ज़त है और ना ही स्टेज़ पर। इसके बाद एक दिन उत्तेजना में आकर वह अपने गुरु गुलाटी की हत्या कर देता है। फिर वह पहली बार स्टेज़ पर आता है और लोगों को हंसाना शुरू करता है। इस कड़ी में उसकी मुलाकात गुलाटी के मैनेजर जिम्मी द मेकर से होती है।
वह उसके लिए शोज़ की व्यवस्था करता है। लेकिन हसमुख की एक समस्या है कि बिना हत्या किए वह कॉमेडी नहीं कर सकता है। इसका जुगाड़ जिम्मी करता है। एक दिन उसका वीडियो वायरल होता है और वह मुंबई के एक टीवी शो में पहुंच जाता है। वहां, उसके पीछे पुलिस पड़ जाती है। एक तरफ शो हैं, दूसरी तरफ हत्याएं।