कहते हैं कुछ इश्क अधूरे होकर भी हमेशा पूरे होते हैं उन्हीं में से एक है देवानंद और सुरैया। देव आंनद ने भले ही पर्दे पर हजारों हसीनाओं से प्यार किया था पर असल जिन्दगी में देव आंनद का पहला प्यार सुरैया थीं। खुद देव साहब ने अपने और सुरैया के इश्क के बार में खुलकर बोला था।
कहते हैं जीत फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों की पहली बार मुलाकात हुई थी तब तक सुरैया एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हो चुकी थीं और देव साहब भी अपनी पहचान बना रहे थे। जब शूटिंग के दौरान देवानंद की पहली मुलाकात एक्ट्रेस सुरैया से हुई और एकसाथ काम करते-करते देवानंद ने सुरैया को दिल दे दिया था। सुरैया देवानंद से बड़ी स्टार थीं जिस वजह से देवानंद अपने प्यार का इजहार का इजहार करने में हिचकिचाते थे।
शूटिंग के दौरान सुरैया ने भी देवानंद को दिल दे दिया फिल्म के एक सीन की शूटिंग के लिए वह नाव में सवार थे और अचानक नाव पलट गई। देवानंद ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए सुरैया की जान बचाई थी और फ़िल्मी दुनिया की तरह ही सुरैया को भी देवानंद से प्यार हो गया।
धीरे धीरे दोनों के प्यार के किस्से हर किसी तक पहुंचे लगे। शायद यही कारण था कि देव अपने रिश्ते पर मुहर लगाना चाहते थे और उन्होने सुरैया से अपने प्यार का इजहार किया और सुरैया को तीन हजार रुपयों की हीरे की अंगूठी दी थी।
इसके बाद दोनों ने अलग होने का फैसला किया और फिर दोनों ने एक भी फिल्मों में साथ काम नहीं किया और फिर जिंदगी भर सुरैया ने किसी से शादी नहीं की। बड़े पर्दे पर दोनों की आखिरी फिल्म ‘दो सितारे’ थी। कहा जाता है कि दोनों के अलग होने के फैसले के बाद सुरैया ने देव आनंद की दी हुई अंगूठी को समुद्र के किनारे बैठकर समुद्र में फेंक दिया था।
खुद देव साहब ने एक साक्षात्कार में कहा था कि फिर एक दिन किसी ने मुझे फोन करके बताया सुरैया अब इस दुनिया में नहीं रही। मुझे बहुत दुख हुआ ये सुनकर। कई बार ऐसा होता है आप अपना दुख जता भी नहीं सकते। मैं सुरैया को अंतिम समय में देखने भी नहीं गया। जाता तो भी क्या होता। लोगों को बात करने का एक और मौका मिल जाता। एक हेडलाइन मिल जाती। खैर भले आज ये दोनों ये इस दुनिया में ना हों लेकिन फैंस के बीच हमेशा जिंदा हैं।