मुंबई, 16 अप्रैल: हंसी के बेताज बादशाह चार्ली चैपलिन का शायद ही कोई होगा जो फैंन ना हो। बिना बोले दूसरों को हंसाने का हुनर रखने वाले चार्ली का आज जन्मदिन है।। चार्ली चैपलिन के बारे में बात करते ही आपके दिमाग में एक कॉमिक छवि उभरेगी। आज चार्ली चैपलीन की 129वीं बर्थ एनिवर्सरी है। चार्ली एक ऐसे कॉमेडियन थे जिन्होंने हमेशा सिर्फ अपने एक्शन से ही दर्शकों का मनोरंजन किया है और बिना कुछ बोले दर्शकों को हंसाया है। चार्ली के चाहने वालों को कभी नहीं आंका जा सकता है। आइए जानें, उनके बारे में कुछ खास बातें-
चार्ली का जन्म
चार्ली चैपलिन का जन्म 16 अप्रैल 1889 को लंदन में हुआ था। चार्ली का पूरा नाम चार्ल स्पेंसर चैपलिन था। वह परिवार के काफी गरीब थे जिस कारण से महज 9 साल की उम्र से ही उनको परिवार का पेट भरने के लिए काम करना पड़ा था। चार्ली के माता-पिता उनके बचपन में ही अलग हो गए थे। कहते हैं बचपन में ही उनकी मां ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया था।
विवादों से भी नाता
पर्सनल और प्रोफेशमल दोनों में चार्ली को विवादों ने घेरा। 1940 में आई उनकी फिल्म 'द ग्रेट डिक्टेटर' ने जमकर विवादों को जन्म दिया था। इस फिल्म में चार्ली ने अडोल्फ हिटलर का किरदार निभाया था। जिसके बाद चार्ली के ऊपर अमेरिका ने कम्यूनिस्ट होने के आरोप भी लगाए गए। इतना ही नहीं उनके ऊपर अमेरिका ने एफबीआई की जांच बिठा दी गई। इसके बाद चार्ली ने अमेरिका छोड़ दिया और स्विट्जरलैंड में जाकर बस गए थे। लेकिन उन्होंने अपना काम और उसका रूप कभी नहीं बदला।
चार्ली के वो शब्द
चार्ली चैपलिन की पहली फिल्म 'मेकिंग अ लिविंग' थी, ये एक साइलेंट फिल्म थी। उनकी पहली फुल लेंग्थ फीचर फिल्म 1921 में आई 'द किड' थी। चार्ली चैपलिन ने एक बार कहा था, 'मेरा दर्द किसी के हंसने की वजह हो सकता है। पर मेरी हंसी कभी भी किसी के दर्द की वजह नहीं होनी चाहिए। ये उनके जीवन में दिखा भी परिवारिक परेशिनियों के बाद भी वह हमेशा से ही इतने खुश नजर आए और दूसरो के चेहरे पर भी खुशी लाने का काम किया।
चार्ली की मौत
1977 में चार्ली चैपलिन मृत्यु हो गई थी। कहते हैं उनकी मौत के बाद कुछ लोगों ने उनका शव चुरा लिया था। उनका शव चार्ली के परिवार से फिरौती मांगने के उद्देश्य से चुराया गया था। हालांकि बाद में उनका शव बरामद कर लिया गया और चोरी से बचाने के लिए उसे 6 फीट कंक्रीट के नीचे दफनाया गया।