दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता अमिताभ बच्चन ने रविवार को कहा कि वह भविष्य में और अधिक काम करना चाहते हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 77 वर्षीय बच्चन को यहां राष्ट्रपति भवन में फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। बच्चन ने पुरस्कार स्वीकार करने के बाद कहा, ‘‘जब इस पुरस्कार की घोषणा की गई, तब मेरे मन में एक शंका पैदा हुई कि क्या यह इस बात का संकेत है कि इतने साल काम करने के बाद मुझे घर बैठकर आराम करना चाहिए?’’ उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘अभी मुझे कुछ और काम पूरा करना है तथा कुछ ऐसी संभावनाएं सामने आ रही हैं जब मुझे कुछ काम करने का मौका मिल सकता है।
मुझे बस इस बात पर स्पष्टीकरण चाहिए।’’ अभिनेता ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुनने को लेकर सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के जूरी सदस्यों का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘भगवान मेरे प्रति दयालु रहे हैं, मेरे माता-पिता का आशीर्वाद मेरे साथ है, उद्योग के फिल्मकारों, निर्माताओं और सह कलाकारों का सहयोग मेरे साथ रहा है। मैं भारतीय दर्शकों के प्रेम और उनसे लगातार मिलने वाले प्रोत्साहन के लिए कृतज्ञ हूं।
उनकी वजह से मैं यहां खड़ा हूं। मैं अत्यंत विनम्रता एवं कृतज्ञता के साथ यह पुरस्कार स्वीकार करता हूं।’’ इस अवसर पर अमिताभ बच्चन के साथ उनकी पत्नी, अभिनेत्री एवं सांसद जया बच्चन, उनके बेटे एवं अभिनेता अभिषेक बच्चन भी मौजूद थे। बच्चन को पिछले सोमवार को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में इस सम्मान से नवाजा जाना था लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए थे।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पुरस्कार समारोह में घोषणा की थी कि बच्चन को रविवार को राष्ट्रपति द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा। बच्चन की चार फिल्में ‘गुलाबो सिताबो’, ‘चेहरे’,‘झुंड’ और ‘ब्रह्मास्त्र’ वर्ष 2020 में रिलीज होंगी।