हैदराबाद: तेलुगू फिल्म अभिनेता चिरंजीवी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक्टर ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि एक घटना की वजह से उन्हें एक बार काफी बेइज्जत और शर्मिंदा महसूस होना पड़ा था। ये वीडियो ब्रूट इंडिया ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। वीडियो में चिरंजीवी ने बताया कि वो रुद्रवीना (1988) के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के लिए दिल्ली गए थे।
चिरंजीवी का वायरल हुआ वीडियो फिल्म 'आचार्य' के प्री-रिलीज इवेंट का है। वीडियो में एक्टर कहते हुए नजर आ रहे हैं कि साल 1988 में मैंने नागा बाबू के साथ रुद्रवीणा नाम की एक फिल्म बनाई थी। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार जीता था। हम अवॉर्ड लेने दिल्ली गए थे। इस इवेंट से पहले सरकार द्वारा एक छोटा सा गेट टुगेदर रखा गया था।
उन्होंने कहा कि हम हॉल में चाय पी रहे थे। हमारे चारों ओर की दीवारों को भारतीय सिनेमा की भव्यता को प्रदर्शित करने वाले पोस्टरों से सजाया गया था। उनपर कुछ संक्षिप्त नोट थे। पृथ्वीराज कपूर, राज कपूर, दिलीप कुमार, देव आनंद, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, धर्मेंद्र आदि की तस्वीरें थीं। उन्होंने अपने चित्र दिखाए, उन्होंने उनका सुंदर वर्णन किया। उन्होंने विभिन्न निर्देशकों और नायिकाओं की प्रशंसा की।
अपनी बात को जारी रखते हुए चिरंजीवी ने कहा कि हमने सोचा कि वे दक्षिण भारतीय सिनेमा के बारे में भी इतने विस्तार से बात करेंगे। लेकिन उन्होंने एमजीआर (एम जी रामचंद्रन) और जयललिता की नृत्य की एक तस्वीर दिखाई। उन्होंने इसे दक्षिण भारतीय सिनेमा बताया और प्रेम नजीर जिन्होंने भारतीय सिनेमा के इतिहास में रिकॉर्ड संख्या में फिल्मों में नायक की भूमिका निभाई, उन्होंने उनकी तस्वीर दिखाई और बस सब खत्म हो गया।
इसके बाद अभिनेता ने तब दक्षिण भारतीय सिनेमा के उन बड़े नामों की सूची बतायी, जिनका कोई उल्लेख इस इवेंट में नहीं किया गया था। इस सूची में डॉ राजकुमार, विष्णुवर्धन, एन टी रामा राव, ए नागेश्वर राव और शिवाजी गणेशन जैसे बड़े सितारों के नाम शामिल थे। एक्टर ने आगे कहा कि वे हमारे लिए देवता थे और उनकी कोई तस्वीर नहीं थी। मेरे लिए यह अपमानजनक था। मुझे बहुत दुख हुआ। उन्होंने केवल हिंदी सिनेमा को भारतीय सिनेमा के रूप में पेश किया और उन्होंने अन्य उद्योगों को क्षेत्रीय भाषा सिनेमा के रूप में खारिज कर दिया। उन्होंने इसके योगदान को स्वीकार करने की भी जहमत नहीं उठाई।
चिरंजीवी ने आगे कहा कि बाहुबली 1, बाहुबली 2 और आरआरआर जैसी फिल्मों ने तेलुगु सिनेमा को गौरवान्वित किया है। वीडियो में मशहूर डायरेक्टर एस एस राजामौली को उनके साथ खड़े हुए देखा जा सकता है। इसके बाद चिरंजीवी कहते हैं कि इतने सालों के बाद आज मुझे इतना गर्व महसूस हो रहा है कि मैं अपना सीना थपथपा सकता हूं। हमारे उद्योग ने साबित कर दिया कि हम अब एक क्षेत्रीय सिनेमा नहीं हैं। तेलुगु सिनेमा ने इन बाधाओं को हटा दिया है और भारतीय सिनेमा का हिस्सा बन गया है। हमारी सफलता से हर कोई हैरान है। हमने भेदभाव पर काबू पा लिया है। बाहुबली 1, बाहुबली 2 और आरआरआर को धन्यवाद।
बता दें कि चिरंजीवी का भावनात्मक भाषण बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन और कन्नड़ अभिनेता सुदीप संजीव के बीच तीखी नोकझोंक के कुछ दिनों बाद आया है। जहां एक ओर सुदीप संजीव ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है तो वहीं अजय देवगन ये सवाल करते हुए नजर आए कि दक्षिण भारतीय भाषाओं की फिल्मों को हिंदी में डब क्यों किया जाता है।