अमेरिका में भारतीय छात्र निशाने पर क्यों?, 2024 में 11 की हत्या, 2025 में अब तक 6 छात्रों पर...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 12, 2025 05:12 IST2025-04-12T05:12:34+5:302025-04-12T05:12:34+5:30
अमेरिकी छात्रों में एक बात और देखने में आती है, वह यह कि शिक्षित होने के बाद भी जब उन्हें नौकरी नहीं मिलती तो वे अपनी योग्यता को बढ़ाने के बजाय रोज नशा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं.

file photo
पिछले साल अमेरिका में 11 भारतीय छात्रों की हत्या कर दी गई. इस साल भी अब तक 6 छात्रों पर अमेरिकियों ने निशाना साधा है. होने को अमेरिका में कई भारतीय संगठन हैं, पर ट्रम्प सरकार का खौफ इतना है कि कोई मुंह खोलने के लिए तैयार ही नहीं है. इससे भारत में रहने वाले अभिभावकों में चिंता का माहौल है. सोचा जा सकता है कि जब अमेरिका जैसे देश में ऐसा हो सकता है, तब फिर छोटे देशों में पढ़ने के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों के साथ कैसा व्यवहार हो सकता है. भारतीय छात्र जब भी पढ़ाई के लिए अमेरिका जाते हैं तो अभिभावक उन्हें समझाते हैं कि वहां स्थानीय लोगों से विवाद से दूर रहें, साथ ही सहपाठियों के साथ मिलजुलकर रहें. वास्तव में अमेरिका में एक ओर अमीरी का प्रदर्शन है, तो दूसरी तरफ बढ़ती बेरोजगारी भी है. अमेरिकियों को सहजता से नौकरी नहीं मिल पाती.
वहीं भारतीय अपनी योग्यता के बल पर नौकरी पाने में सफल हो जाते हैं. ऐसे में वे भारतीयों से ईर्ष्या करने लगते हैं. धीरे-धीरे ये दुश्मनी में बदल जाती है. नौकरी न मिलने के कारण कई अमेरिकी ड्रग्स के शिकार हो जाते हैं. जब उन्हें ड्रग्स के लिए धन नहीं मिलता तो वे भारतीय छात्रों को अपना शिकार बनाते हैं.
अमेरिकी छात्रों में एक बात और देखने में आती है, वह यह कि शिक्षित होने के बाद भी जब उन्हें नौकरी नहीं मिलती तो वे अपनी योग्यता को बढ़ाने के बजाय रोज नशा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं. राष्ट्रपति रहते हुए ओबामा ने अमेरिकी छात्रों को चेतावनी भी दी थी कि अमेरिकियों अपने आप को सुधार लो, नहीं तो भारतीय तुम्हें खा जाएंगे.
उन्होंने अमेरिकियों को समझाया था कि जो भारतीय यहां पढ़ने आते हैं, वे पढ़ाई के साथ-साथ जॉब भी करते हैं, इसलिए उन्हें मेहनत कैसे और कहां करनी हे, यह अच्छी तरह से पता है. पढ़ाई के साथ जॉब करने वाले भारतीय छात्रों को वहीं नौकरी मिल जाती है. इसलिए अमेरिकी छात्र उनसे द्वेष रखते हैं. यही द्वेष वे भारतीय छात्रों को मारकर निकालने का प्रयास करते हैं.
भारतीय छात्रों के खिलाफ नफरत के बीज कहां-किसने रोपे, यह शोध का विषय हो सकता है, पर यह सच है कि आज भारतीय छात्र अमेरिका में पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं. अमेरिका में 2 लाख 75 हजार भारतीय विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं. इन विद्यार्थियों के कारण अमेरिका हर साल फीस के रूप में 3 अरब डॉलर कमाता है.
विद्यार्थियों की संख्या हर साल लगातार बढ़ रही है. इतनी कमाई करने पर अमेरिकी सरकार को छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी ही चाहिए. भारतीय संगठन चाहें तो एकजुट होकर ट्रम्प सरकार पर दबाव बना सकते हैं. अगर वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो यही समझा जा सकता है कि उनकी स्थिति भी वहां गुलामों जैसी ही है. दूसरी ओर यदि भारत अपना रवैया सख्त रखे और छात्रों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सरकार पर दबाव बनाए तो संभव है कि भारतीय छात्र वहां सुरक्षित हो जाएं.