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इस आदमी को आखिर हो क्या गया है...?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: September 25, 2025 07:37 IST

उसे कागजी शेर कहना महज नासमझी ही कही जाएगी. ठीक उसी तरह की नासमझी जैसा कि ट्रम्प ने भारत को डेड इकोनॉमी कहा था.

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क्या डोनाल्ड ट्रम्प को यह पता होता है कि अगले दिन वे क्या कहने वाले हैं? या फिर कुछ कहने के पहले क्या वे सोचते हैं कि जो कुछ भी कहने जा रहे हैं उसका न केवल अमेरिका बल्कि दूसरे देशों पर भी क्या प्रभाव होने जा रहा है? यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प यदि कुछ कहते हैं तो उससे पलटते उन्हें देर नहीं लगती. राष्ट्रपति बनने के पहले ही वे शेखी बघार रहे थे कि रूस और यूक्रेन के बीच की जंग को एक दिन में समाप्त कर देंगे.

ऐसा लग रहा था जैसे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बस उनके आदेश की राह ही देख रहे हैं. इधर ट्रम्प ने सलाह दी और उधर जंग खत्म हुई! ट्रम्प को बड़ा भरोसा रहा होगा खुद पर, इसीलिए उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को व्हाइट हाउस में जलील किया. मकसद था रूस द्वारा यूक्रेन से छीनी गई जमीन के भीतर के खजाने को अमेरिका की झोली में डालना. लेकिन ट्रम्प भूल गए कि पुतिन उनसे बड़े खिलाड़ी हैं. अलास्का की मीटिंग भी न केवल नाकामयाब रही बल्कि रूस के विदेश मंत्री ने अपने टी-शर्ट पर छपे शब्दों से यह संदेश दे दिया कि रूस चाहता क्या है!

ट्रम्प को पुतिन ने चारों खाने चित्त कर दिया. अब ट्रम्प कह रहे हैं कि रूस कागजी शेर है और यूक्रेन वो सारी जमीनें वापस ले सकता है जो रूस ने छीन ली हैं. दुनिया का कोई भी समझदार आदमी यही कहेगा कि सोवियत संघ भले ही विघटित हो गया लेकिन उसकी ढेर सारी शक्तियां रूस में समाहित हैं. उसे कागजी शेर कहना महज नासमझी ही कही जाएगी. ठीक उसी तरह की नासमझी जैसा कि ट्रम्प ने भारत को डेड इकोनॉमी कहा था.

भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और रफ्तार के मामले में अमेरिका से भी आगे है लेकिन ट्रम्प को पता नहीं कैसे भारत की अर्थव्यवस्था मृत लगी? ये कुछ ऐसे उदाहरण हैं जिन्हें लेकर आम आदमी भी पूछ रहा है कि इस आदमी को हो क्या गया है? ये शख्स कहता है कि रूस से तेल खरीद कर भारत यूक्रेन-रूस जंग में घी डालने का काम कर रहा है. और जब इससे यह पूछा जाता है कि अमेरिका भी तो रूस से व्यापार कर रहा है तो वह कहता है कि उसे इसके बारे में पता नहीं है. किसी देश का राष्ट्रपति इस तरह की अनभिज्ञता जाहिर करे तो यह कितनी शर्मनाक बात है!

इस आदमी को यह पता नहीं है कि रूस से जो तेल भारत खरीदता है, उसे परिष्कृत करके दूसरों को बेचता है और उन खरीददारों मेंं खुद यूक्रेन भी शामिल है. ये शख्स बिना किसी ठोस वजह के भारत पर पहले 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाता है और फिर उसे बढ़ा कर 50 प्रतिशत कर देता है. हम भारतीय जरा सहनशील हैं वर्ना चीन पर ट्रम्प ने जब टैरिफ बढ़ाया तो चीन ने भी वैसा ही जवाब दिया. अंतत: क्या हुआ?

ट्रम्प को झुकना पड़ा. अब ये शख्स यूरोपीय यूनियन से कह रहा है कि भारत पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा दो! क्यों भाई? किस बात का टैरिफ लगा दो? मजाक चल रहा है क्या? लेकिन ट्रम्प की नजर में तो वाकई मजाक ही चल रहा है. ये शख्स दावा करता है कि भारत और पाकिस्तान में उसने जंग रुकवाई. भारत ने साफ इनकार किया लेकिन ये चिल्लाता ही रहा. अब तो पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने भी कह दिया कि भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार कर दिया था. इसका मतलब तो यही है न कि जंग रोकने का जो दावा ट्रम्प कर रहे हैं, वह बेबुनियाद है. लेकिन ट्रम्प ने फिर दावा कर दिया है. ट्रम्प अब अरब देशों को लेकर बैठ गए कि गाजा में जंग रुकवानी है. ये आदमी आखिर क्या-क्या करना चाहता है.

ये शख्स समझता क्यों नहीं है कि दुनिया में उसकी कोई नहीं सुन रहा है. एक दिन अचानक इसने एच-1बी वीजा को लेकर नीति बदल दी. सोचा होगा कि इससे भारत घबरा जाएगा लेकिन अमेरिकी कंपनियों ने ही समझाया कि क्या कर रहे हो जनाब, असली घाटा तो अमेरिका को ही होगा तो उसने तत्काल स्पष्ट करवा दिया कि फीस केवल एक बार के लिए है और वह भी नए वीजा पर! वास्तव में ये आदमी इतना दिग्भ्रमित है कि खुद ही नहीं समझ पा रहा है कि वो जो फरमान सुनाता है, उसका असर उसके देश पर क्या होने वाला है. ध्यान रखिए कि दिग्भ्रमित नेता बड़ा खतरनाक होता है. वह दूसरों पर तो कु्ल्हाड़ी चलाता ही है, खुद भी कुल्हाड़ी पर पैर मार लेता है. इसी बात को लेकर अमेरिका में चिंता व्याप्त होती जा रही है. दुनिया तो किसी तरह संभल जाएगी, अमेरिका का क्या होगा?

टॅग्स :डोनाल्ड ट्रंपUSअमेरिका
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