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ब्लॉग: कमला हैरिस का भारतीयता से कितना रहा है नाता?

By विवेक शुक्ला | Updated: July 23, 2024 10:15 IST

अगर कमला हैरिस अमेरिका की राष्ट्रपति बन भी जाती हैं, तो भी वे अपने देश के हितों का सबसे पहले ख्याल रखेंगी. उन्हें यह करना भी चाहिए. हां, पर उनका भारत से भावनात्मक संबंध तो बना रहेगा.

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अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के परिवार के महत्वपूर्ण कागजात और प्रमाणपत्रों की अलमारी में उनकी दिवंगत मां डॉ. श्यामला गोपालन के भी बहुत सारे दस्तावेज रखे होंगे. उन कागजात में, पीले रंग की होती राजधानी के लेडी इरविन कॉलेज की डिग्री भी होगी.

अब जब राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से हटने का फैसला किया है, तो एक उम्मीद जरूर पैदा हो गई है कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति भारतीय मूल का हो सकता है. बाइडेन ने अपनी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप खड़ा करने का समर्थन किया है. यदि उन्हें नामांकित किया जाता है तो वे अमेरिका में किसी प्रमुख पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला होंगी.

कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1956 में तत्कालीन मद्रास (अब चेन्नई) से दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित लेडी इरविन कॉलेज में पढ़ने के लिए आई थीं. लेडी इरविन कॉलेज की लाल ईंटों वाली इमारत से उन्होंने होम साइंस की पढ़ाई की थी. कमला हैरिस की मां एक बहुत ही प्रगतिशील तमिल ब्राह्मण परिवार से संबंध रखती थीं. ये समाज अपनी बेटियों की शिक्षा पर भी बहुत ध्यान देता है. यह बहुत स्पष्ट है क्योंकि उन्होंने श्यामला गोपालन को अपने सपनों को पूरा करने के लिए नई दिल्ली जाने की अनुमति दी.

 श्यामला के पिता पी.वी. गोपालन सरकारी सेवा में थे और मां होम मेकर थीं. गोपालन जी टाइपिस्ट थे और अपनी लगन और ईमानदारी के सहारे पदोन्नति पाते रहे. वे अपनी नौकरी के सिलसिले में मद्रास, नई दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में रहे. यह अभी भी ज्ञात नहीं है कि कमला हैरिस के दादाजी नई दिल्ली में रहते थे या नहीं, जब उनकी बेटी श्यामला दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रही थी. दरअसल 1930 से 1950 के दशक तक, बड़ी संख्या में युवा तमिल सरकारी या निजी क्षेत्र की नौकरियों की तलाश में दिल्ली आ रहे थे. डीयू से 19 साल की उम्र में डिग्री लेने के बाद, श्यामला ने अमेरिका का उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए रुख किया.

 अगर कमला हैरिस अमेरिका की राष्ट्रपति बन भी जाती हैं, तो भी वे अपने देश के हितों का सबसे पहले ख्याल रखेंगी. उन्हें यह करना भी चाहिए. हां, पर उनका भारत से भावनात्मक संबंध तो बना रहेगा. बात ये है कि भारतवंशी भारत को प्रेम करते हैं, लेकिन उनकी पहली निष्ठा तो उसी देश को लेकर रहेगी जहां पर वे बसे हुए हैं. बीते तीन-चार दशकों के दौरान तो भारतवंशी सिंगापुर से लेकर अमेरिका की संसदों में भी झंडे गाड़ने लगे हैं.

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