सौर तूफान: अंतरिक्ष से खतरे की आहट, इथियोपिया से उठे ज्वालामुखी गुबार से हवाई जहाजों...

By पंकज चतुर्वेदी | Updated: December 8, 2025 05:41 IST2025-12-08T05:41:50+5:302025-12-08T05:41:50+5:30

Solar storms: पूरी दुनिया में कोहराम मचा और पता चला कि यह समस्या एलिवेटर एंड एलरॉन कम्प्यूटर (एलाक) से जुड़ी है, जो विमान के पिच और रोल को नियंत्रित करती है.

Solar storms threat from space Ethiopian volcanic plume threatens airplanes blog Pankaj Chaturvedi | सौर तूफान: अंतरिक्ष से खतरे की आहट, इथियोपिया से उठे ज्वालामुखी गुबार से हवाई जहाजों...

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Highlightsसाढ़े छह हजार एयर बस ए-230 के सॉफ्टवेयर गड़बड़ा गए और उनकी उड़ान रोकनी पड़ी.30 अक्तूबर को न्‍यूयॉर्क के लिए उड़ान भर रहे जेटब्‍लू एयरलाइंस के विमान को सूर्य-विकिरण की मार पड़ी. एयरबस जैसे आधुनिक विमानों के संचालन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा हो. 

Solar storms: अभी इथियोपिया से उठे ज्वालामुखी के गुबार से हवाई जहाजों के संचालन में आ रहे व्यवधान का संकट चल ही रहा था कि सूर्य किरणों से उत्पन्न विकिरण से सारी दुनिया में लोकप्रिय कोई साढ़े छह हजार एयर बस ए-230 के सॉफ्टवेयर गड़बड़ा गए और उनकी उड़ान रोकनी पड़ी.

30 अक्तूबर को न्‍यूयॉर्क के लिए उड़ान भर रहे जेटब्‍लू एयरलाइंस के विमान को सूर्य-विकिरण की मार पड़ी. इसके चलते जहाज में झटके लगे और 15 यात्री  घायल हुए. इस घटना के बाद पूरी दुनिया में कोहराम मचा और पता चला कि यह समस्या एलिवेटर एंड एलरॉन कम्प्यूटर (एलाक) से जुड़ी है, जो विमान के पिच और रोल को नियंत्रित करती है.

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब सूर्य-विकिरण और विशेष रूप से सौर तूफानों के कारण एयरबस जैसे आधुनिक विमानों के संचालन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा हो. 1994 में एक तीव्र सौर तूफान ने कनाडा के एनीक-ई2  संचार उपग्रह को निष्क्रिय कर दिया था, और इसी दौरान कुछ विमानों में नेविगेशन व संचार संबंधी दिक्कतों का पता चला था.

उसके बाद सन्‌ 2008 में क्वांटस एयरलाइंस के एयरबस A330 विमान में सोलर रेडिएशन के कारण एयर डेटा इनर्शियल रेफरेंस यूनिट में संभावित गड़बड़ी हुई थी, जिससे विमान अचानक नीचे झुक गया था. तब भी दुनिया भर की हवाई कंपनियों को बड़े पैमाने पर सॉफ्टवेयर अपग्रेड व परिचालन समायोजन करने पड़े थे.

सूर्य-विकिरण का सीधा संबंध सूर्य से उत्सर्जित होने वाले उच्च-ऊर्जा वाले कणों और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों से होता है. जब सूर्य पर कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई ) या सौर ज्वाला जैसी घटनाएं होती हैं, तो इससे  सौर ऊर्जावान कण (सोलर एनरजेटिक पार्टिकल यानी एसईपी) और गैलेक्टिक कॉस्मिक किरणें (जीसीआर) उत्पन्न होते हैं. पृथ्वी का वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र हमें इनमें से अधिकांश से बचाता है,

लेकिन 28,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर उड़ने वाले वाणिज्यिक विमान इनके प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. इसके चलते  विमानन इलेक्ट्रॉनिक्स  या एवियोनिक्स सिस्टम में डेटा करप्ट हो जाता है.  सिंगल इवेंट अपसेट (एसईयू ) बहुत  उच्च ऊर्जा वाले कण होते हैं जो विमान के माइक्रोप्रोसेसरों और मेमोरी चिप्स से टकराते ही कुछ गड़बड़ियां पैदा कर सकते हैं.

हाल की घटनाओं के विश्लेषण में पाया गया है कि तीव्र सोलर रेडिएशन एयरबस ए 320  परिवार के विमानों में एलाक जैसे महत्वपूर्ण फ्लाइट कंट्रोल कम्प्यूटर के डेटा को दूषित कर सकता है. डेटा दूषित होने से विमान अनजाने में पिच डाउन (नीचे झुकना) जैसी अनियंत्रित हरकतें कर सकता है, जो एक गंभीर खतरा है. वैसे समझना होगा कि यह  पृथ्वी के वातावरण के बाहर की घटनाएं हैं और इसका संबंध सूर्य के 11-वर्षीय गतिविधि चक्र से है.

Web Title: Solar storms threat from space Ethiopian volcanic plume threatens airplanes blog Pankaj Chaturvedi

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