Israel-Hamas War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इजराइल और हमास के बीच जंग रुकवाने के लिए अपनी पीठ चाहे जितनी थपथपा लें लेकिन हकीकत यही है कि शांति समझौते को लेकर दोनों ही पक्ष ईमानदार नहीं हैं. गाजा के दर्द से किसी को कोई मतलब नहीं है. ट्रम्प चाहते हैं कि हमास हथियार छोड़ दे अन्यथा उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. हमास हथियार छोड़ने वाला नहीं है, इसलिए अब सवाल है कि आगे क्या होगा? गाजा का खून कब तक बहता रहेगा? क्या कभी उन लोगों का खयाल आता है, जिनका सबकुछ उजड़ गया है? क्या उन बच्चों का खयाल आता है, जो अनाथ हो गए हैं?
क्या उन महिलाओं के बारे में सोचा है, जिनके शौहर और बच्चे अब इस दुनिया में नहीं रहे और जो जिंदा बचे हैं, उन्हें हर पल इस बात का खौफ रहता है कि पता नहीं कौन सी गोली और कौन सा बम जिंदगी का कब खात्मा कर दे! भीषण बेबसी और पीड़ा में दम तोड़ रहे गाजावासियों की किसी को फिक्र नहीं है. न इजराइल को उनकी फिक्र है और न ही खुद को उनका रक्षक कहने वाले हमास को.
हमास को यदि चिंता होती तो वह इजराइल पर हमला करता ही नहीं. इजराइल के 1200 बेगुनाह लोगों को मारता नहीं और 240 इजराइलियों का अपहरण नहीं करता. हमास का नेतृत्व करने वालों को पता था कि वे इजराइल को छेड़ेंगे तो पलट कर बहुत गंभीर हमला करेगा. वही हुआ. पहले हवाई हमले और फिर जमीनी हमले ने गाजा में रहने वालों की जिंदगी को दूभर बना दिया!
अब बात यह नहीं है कि इसके लिए इजराइल या हमास में से किसे दोषी ठहराया जाए! सवाल यह है कि गाजा के लोगों की फिक्र किसी को भी क्यों नहीं है और आगे क्या होने वाला है? पिछले महीने जब डोनाल्ड ट्रम्प ने हस्तक्षेप किया और इजराइल पर दबाव बनाया तो ऐसा लगा कि अब गाजा में शांति लौट आएगी.
गाजा के लोगों ने जश्न भी मनाया लेकिन जो लोग राजनीति की समझ रखते हैं, जो इजराइल और हमास की कार्यशैली को जानते हैं, उन्होंने चिंता जाहिर कर दी थी कि यह शांति टिकने वाली नहीं है. वही हुआ भी! इजराइल ने आरोप लगाया कि हमास शांति समझौते का पालन नहीं कर रहा है. वह इजराइल से अपहृत बंधकों के शव लौटाने में विलंब कर रहा है.
इसके साथ ही एक इजराइली सैनिक की मौत के लिए हमास को दोषी ठहराया और पलट कर ऐसा हवाई हमला किया कि 100 से ज्यादा लोग मारे गए. ट्रम्प ने भी इस हमले के लिए इजराइल को दोषी नहीं बताया बल्कि उन्होंने तो समर्थन ही किया. इजराइल और हमास की जंग में अभी तक गाजा के 70 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और खून-खराबा रुकने का नाम नहीं ले रहा है.
ट्रम्प ने जिस शांति समझौते की बात की है, उसकी एक बड़ी शर्त हमास का हथियार छोड़ना है. क्या यह कभी संभव है? हमास के चरमपंथी गाजा तो क्या पूरे फिलिस्तीन पर कब्जे का उद्देश्य लेकर चल रहे हैं. उनके पास हजारों चरमपंथी हैं. उनके पास एक से एक हथियार हैं. ईरान खुल कर उसकी मदद करता है लेकिन इन सबके बावजूद हकीकत यही है कि इजराइल की ताकत के सामने हमास कहीं नहीं टिकता.
तकनीकी रूप से भी इजराइल बहुत आगे है. और सबसे बड़ी बात कि इजराइल के साथ अमेरिका खड़ा है. मगर हमास की ताकत को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता है. ‘यासीन 105’ एंटी टैंक मिसाइल, ‘अल आसेफ’ टारपीडो, और उत्तर कोरिया में निर्मित ‘एफ 7 आरपीजी’ जैसे घातक हथियार उसके पास हैं.
हालांकि उत्तर कोरिया का कहना है कि उसने हमास को कोई हथियार नहीं दिया है लेकिन उसके द्वारा निर्मित हथियार हमास के पास हैं, इस बात के पुख्ता प्रमाण मौजूद हैं. इजराइली सेना ने गाजा में जब्त हथियारों को पत्रकारों को दिखाया भी था. इसके अलावा हमास विस्फोटक डिवाइस द शावाज का निर्माण गाजा में ही करता रहा है.
यह बात जगजाहिर है कि ईरान ने हमास तक हथियार पहुंचाने के कई ऐसे रास्ते तलाश रखे हैं जो इजराइली सुरक्षा तंत्र को भी चकमा देने में कामयाब हो जाते हैं. इसके अलावा लेबनान के माध्यम से भी हथियारों की तस्करी होती है. हमास को जब इतनी सहायता मिल रही है तो वह हथियार छोड़ने के लिए क्यों राजी होगा?
अभी तो उसने शांति समझौते के लिए इसलिए हामी भरी क्योंकि उसे अपनी स्थिति कमजोर लग रही है. गाजा पट्टी में उसने करीब 500 किलोमीटर लंबी भूल-भुलैया जैसी जो सुरंगें बना रखी थीं, उसका बड़ा हिस्सा इजराइली सेना ने नेस्तनाबूद कर दिया है. इजराइली सेना बढ़त में है, इसलिए हमास के लिए अभी दुबकने का वक्त है.
हमास ने हथियार छोड़ने के मसले पर पहले तो कोई प्रतिक्रिया ही नहीं दी लेकिन अब कह रहा है कि गाजा पट्टी के नवनिर्माण के लिए पांच साल की अवधि के युद्ध विराम पर वह सहमत है. हमास नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि हथियार छोड़ने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता. उसका मकसद इन पांच सालों में खुद को मजबूत करना है. इजराइल और अमेरिका हमास की इस चाल को अच्छी तरह समझ रहे हैं.
इजराइल और अमेरिका किसी भी सूरत में हमास को मजबूत नहीं होने देंगे. हमास को नष्ट करने के लिए इजराइल हमले करता रहेगा. ट्रम्प ने हालांकि कहा है कि अमेरिकी सेना हमास को हथियार विहीन करने के लिए सीधे मैदान में नहीं उतरेगी लेकिन वो ट्रम्प हैं, उनकी बात का क्या भरोसा? गाजा की जमीन पर ट्रम्प की नजर है. अमेरिकी सेना कूद भी सकती है.