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Elon Musk-Donald Trump: गहरे दोस्तों के बीच क्यों खटपट?, ट्रम्प जीते और एलन मस्क कर चुके थे 270 मिलियन डॉलर खर्च

By विकास मिश्रा | Updated: June 3, 2025 05:14 IST

Elon Musk-Donald Trump: ट्रम्प की जीत के लिए इतनी बड़ी धनराशि खर्च करने वाले एलन मस्क को कोई बड़ा पद मिले.

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ठळक मुद्देट्रम्प जीते और तब तक एलन मस्क 270 मिलियन डॉलर खर्च कर चुके थे.उद्देश्य फिजूलखर्ची को रोकने के रास्ते तलाशना था.सरकारी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने का निर्णय क्यों लिया?

Elon Musk-Donald Trump: आपको याद होगा कि डोनाल्ड ट्रम्प दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव मैदान में कूदे तो दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति एलन मस्क ने उनके लिए अपनी तिजोरी खोल दी थी. संभवत: दुनिया में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी देश के चुनाव में हर रोज किसी मतदाता को 10 लाख डॉलर दिए जा रहे थे! दुनिया अचंभित थी! एलन मस्क ऐसा क्यों कर रहे हैं? ट्रम्प के साथ वे चुनावी सभाओं में थे और ट्रम्प उन्हें अपना दोस्त बता रहे थे. ट्रम्प जीते और तब तक एलन मस्क 270 मिलियन डॉलर खर्च कर चुके थे.

यह तो स्वाभाविक ही था कि ट्रम्प की जीत के लिए इतनी बड़ी धनराशि खर्च करने वाले एलन मस्क को कोई बड़ा पद मिले. वे ट्रम्प के विशेष सलाहकार बने और उन्हें नवगठित डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी का प्रमुख बनाया गया जिसका उद्देश्य फिजूलखर्ची को रोकने के रास्ते तलाशना था.

ये जो टैरिफ वाॅर जैसी समस्याएं ट्रम्प ने दुनिया में पैदा कर दीं, इसके पीछे बड़ा दिमाग एलन मस्क का ही माना जाता है. यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि मस्क ने ट्रम्प की उम्मीदों पर खरा उतरने की हर संभव कोशिश की. तो फिर यह सवाल पैदा होता है कि मस्क ने अचानक अपनी सरकारी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने का निर्णय क्यों लिया?

क्या ट्रम्प और मस्क के बीच में कुछ खटपट चल रहा था? बहुत सारी बातें उभर कर सामने नहीं आतीं लेकिन संकेत तो मिलने ही लगते हैं. जो ट्रम्प और मस्क एक-दूसरे की तारीफ के पुल बांधने में कभी पीछे नहीं रहते थे, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक-दूसरे की चर्चा कम कर दी. इससे विशेषज्ञों को ऐसा लगा कि मामला गड़बड़ है.

अब जब मस्क ने अपनी पुरानी राह (व्यवसाय) का रुख कर लिया है तो विभिन्न तरह की चर्चाएं चल रही हैं. इसी महीने ट्रम्प के ‘बिग एंड ब्यूटीफुल बिल’ को अमेरिकी संसद ने पास कर दिया जबकि मस्क इसके खिलाफ थे. बिल में इनकम टैक्स, ओवरटाइम, टिप्स और सोशल सिक्योरिटी पर टैक्स कटौती का प्रावधान किया गया है.

मस्क ने सीधे तौर पर इसका विरोध किया और कहा कि इस बिल के कारण अगले 10 साल में 2.3 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज बढ़ सकता है. यह दुनिया जानती है कि ट्रम्प का कोई कितना भी करीबी हो, ट्रम्प अपनी आलोचना पसंद नहीं करते हैं. इस बिल ने दोनों के बीच खटास पैदा कर दी. खटास के कुछ कारण पहले से भी उपज रहे थे.

एलन मस्क ने चूंकि बहुत बड़ी राशि ट्रम्प के चुनाव में खर्च की थी तो स्वाभाविक तौर पर उनकी चाहत रही होगी कि उनकी कंपनियों (स्पेसएक्स, न्यूरालिंक, टेस्ला व अन्य) को लाभ मिलना चाहिए. मस्क चाहते थे कि यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) में बनने वाले  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डाटा सेंटर का काम उनकी कंपनी एक्सएआई को मिले.

उन्होंने इसके लिए यूएई पर दबाव भी  डाला लेकिन काम ओपनएआई नाम की कंपनी को मिल गया. ट्रम्प ने उसकी सहमति दी जिससे एलन मस्क का नाराज होना स्वाभाविक था. इसके पहले मार्च में कैबिनेट की एक बैठक के दौरान एलन मस्क ने  विदेश मंत्री मार्को रूबियो को इस बात के लिए आड़े हाथों लिया कि उनका विभाग कर्मचारियों की संख्या में कटौती नहीं कर रहा है.

इस पर विदेश मंत्री भड़क गए और कहा कि उनके विभाग के डेढ़ हजार कर्मचारी वीआरएस ले चुके हैं. मस्क को भरोसा था कि ट्रम्प रूबियो से सवाल पूछेंगे लेकिन ट्रम्प ने तो रूबियो की तारीफ कर दी. इस घटना ने मस्क को भीतर तक हिला दिया और उन्हें लगने लगा कि ट्रम्प उनकी बात पर आंख मूंद कर भरोसा करने वाले नहीं हैं.

ट्रम्प किसके प्रति कब क्या रवैया अपनाएंगे, यह कहना वैसे ही बहुत कठिन होता है लेकिन मस्क के प्रति उनकी नाराजगी का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि मस्क ने मध्यावधि चुनाव के दौरान धन खर्च करने से मना कर दिया है. अगले साल अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की सभी 435 सीटों और अमेरिकी सीनेट की 100 में से 33 सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं.

मस्क ने भरोसा दिया था कि उसके लिए वे 100 मिलियन डॉलर अलग से खर्च करेंगे. अब माना जा रहा है कि मस्क इस वादे से मुकर गए हैं. स्वाभाविक तौर पर इसका असर पड़ा ही होगा! वैसे ट्रम्प के साथ काम कर रहे उनके कई करीबी लोग मस्क को शुरू से ही पसंद नहीं कर रहे हैं. कई तो खुलेआम इस बात की आलोचना करते रहे हैं कि मस्क आम अमेरिकी का नहीं बल्कि वे तो धनाढ्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसीलिए ज्यादा समय वे फ्लोरिडा के पाम बीच पर बने दुनिया के आलीशान क्लब मार-ए-लागो में पड़े रहते हैं.

ट्रम्प के सहयोगी उनके कान भरते रहे हैं कि मस्क केवल सलाहकार हैं, वे सलाह देने के बजाय अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसलों में हस्तक्षेप करने लगे हैं. ट्रम्प के सचेत होने का यह भी एक कारण हो सकता है. अब यह सवाल पूछा जा रहा है कि मस्क क्या ट्रम्प के साथ सलाहकार के रूप में बने रहेंगे. उनके लिए जो विभाग बनाया गया था, उसका क्या होगा?

क्या सरकारी खर्च में कटौती जारी रहेगी? ऐसे बहुत सारे सवाल हैं. ट्रम्प ने अभी तक केवल इतना कहा है कि एलन मस्क का काम अच्छा रहा है. वक्त ही जवाब देगा कि क्या एलन मस्क राजनीति की दुनिया में असफल हुए लोगों की सूची में शामिल हो गए हैं या कुछ संभावनाएं अभी बाकी हैं..!

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