डॉ. विजय दर्डा का ब्लॉग: पाकिस्तान यदि सचमुच टूट गया तो...?

By विजय दर्डा | Updated: May 22, 2023 07:11 IST2023-05-22T07:06:28+5:302023-05-22T07:11:58+5:30

इमरान खान कह रहे हैं कि हालात नहीं सुधरे तो पाकिस्तान टूट सकता है! आखिर इमरान ने ऐसा क्यों कहा? क्या वाकई ऐसा हो सकता है? बहुत सी बातें वक्त के गर्भ में होती हैं. क्या पता कब क्या हो जाए? 1971 से पहले क्या किसी ने सोचा था कि पाकिस्तान के दो टुकड़े हो जाएंगे? लगता है पाकिस्तान ने एक बार फिर से आत्मघाती बटन दबा दिया है...!

Dr. Vijay Darda's Blog: If Pakistan is really broken then what will happen | डॉ. विजय दर्डा का ब्लॉग: पाकिस्तान यदि सचमुच टूट गया तो...?

डॉ. विजय दर्डा का ब्लॉग: पाकिस्तान यदि सचमुच टूट गया तो...?

पाकिस्तान में इस वक्त क्या चल रहा है और वहां के हालात क्या हैं, यह आप सब जानते ही हैं. इमरान खान और सेना के बीच ठनी हुई है. वहां का छोटा सा इतिहास इस बात का गवाह है कि वहां का कोई भी राजनेता सेना से कभी नहीं जीत पाया. यह भी सच है कि इमरान की तरह किसी ने सेना को ऐसी चुनौती भी कभी नहीं दी! इसलिए अभी यह कह पाना मुश्किल है कि इस जंग में कौन जीतेगा? इस वक्त का सबसे बड़ा सवाल वह है जिसकी चिंता इमरान खान ने जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि 1971 दोहरा सकता है. इमरान के कहने का सीधा सा अर्थ है कि पाकिस्तान टूट सकता है!

तो सवाल यह है कि क्या वाकई ऐसी आशंका मंडरा रही है? सीधे तौर पर फिलहाल ऐसा कहा नहीं जा सकता लेकिन आशंका तो 1971 से पहले भी नहीं थी. पाकिस्तान जब अपने ही पूर्वी हिस्से पर दमनचक्र चला रहा था तब किसने सोचा था कि उसका पूर्वी हिस्सा बांग्लादेश बन जाएगा? तब शेख मुजीबुर्रहमान की अवामी लीग ने पाकिस्तान नेशनल एसेंबली की 300 सीटों में से 167 सीटें जीती थीं लेकिन जनरल याह्या खान ने उन्हें सत्ता में नहीं आने दिया. 

पूर्वी पाकिस्तान में सेना ने घनघोर दमन चक्र शुरू किया. लोग भाग कर भारत आने लगे. अमेरिका पाकिस्तान के साथ था इसलिए दुनिया ने आंखें मूंद लीं लेकिन भारत की तत्कालीन जांबाज प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साहस से काम लिया. पाकिस्तान और भारत में जंग हुई. पाकिस्तान हारा, पूर्वी पाकिस्तान का बांग्लादेश के रूप में जन्म हुआ. पाकिस्तान ने मुजीबुर्रहमान को षड्यंत्र रचकर मारा. षड्यंत्रकारी याह्या खान था. रूस ने भारत को इस षड्यंत्र की जानकारी दी थी लेकिन कुछ घंटों पहले यदि जानकारी मिल जाती तो उनकी जान बचाई जा सकती थी.

मैं नहीं जानता कि इमरान खान ने किस आधार पर आकलन किया है कि पाकिस्तान फिर टूट सकता है! उनकी यह बात फिलहाल कल्पना ही लग सकती है लेकिन यह तो सच है कि पाकिस्तान इस वक्त जर्जर हालत में है. मरम्मत न हो तो जर्जर मकान को ढहने में कितनी देर लगती है? और पाकिस्तान की तो बुनियाद ही कमजोर है. क्या आपको पता है कि भारत से एक दिन पहले आजाद होने वाले पाकिस्तान को खुद का संविधान बनाने में नौ साल लग गए!  

प्रसंगवश बता दूं कि संविधान बनाने के लिए पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री योगेंद्रनाथ मंडल ने हमारे देश के नामी वकील राम जेठमलानी से भी मदद ली थी. इसके बावजूद वहां का संविधान ऐसा बना कि जब चाहा सेना ने उसकी धज्जियां उड़ा दीं! कहने को वह 1956 में गणतंत्र बना लेकिन वहां के तंत्र में गण के लिए कभी जगह रही ही नहीं! किसी नेता ने यदि कोशिश की तो सेना ने या तो उसका तख्ता पलट दिया या फिर वो नेता अल्लाह को प्यारा हो गया. क्या आपको पता है कि पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की रावलपिंडी में हत्या कर दी गई थी? उसके बाद तो वहां नेताओं की हत्या की लंबी फेहरिस्त है. सेना और आईएसआई वहां लोकतंत्र बहाल होने ही नहीं देना चाहती है.

कहने का आशय यह है कि वहां गणतंत्र केवल कागजों पर है. जो है वह सेना है. इमरान खान को छोड़ दें तो इस वक्त पाकिस्तान के पास एक भी ऐसा नेता नहीं है जो अवाम में लोकप्रिय हो. युवा वर्ग इमरान का दीवाना है. उन्हें लगता है कि यही व्यक्ति पाकिस्तान का भला कर सकता है. लेकिन चीन नहीं चाहता कि इमरान सफल हों. 

सेना और आईएसआई के षड्यंत्रों के कारण पाकिस्तान में राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था खत्म हो चुकी है. केवल सेना ही पावरफुल है. आकार की दृष्टि से पाकिस्तानी सेना दुनिया में नौवें नंबर पर है लेकिन सवाल यह है कि क्या वह शक्तिशाली भी है? भारत से उसने जितनी भी जंग लड़ी, सबमें उसे मुंह की खानी पड़ी है. अमेरिका की सारी मदद मिलने के बावजूद, आधुनिक हथियार, लड़ाकू विमान और टैंक मिलने के बावजूद, अंदर से चीन का पूरा साथ मिलने के बाद भी पाकिस्तान बुरी तरह हारा. 
हिंदुस्तान की जांबाज सेना ने उसकी धज्जियां उड़ाईं. यानी उसकी शक्ति पर संदेह स्वाभाविक है. सेना ने देश पर कब्जा करने के चक्कर में खुद को कमजोर कर लिया है. भारत को परेशान करने के लिए जिन दहशतगर्दों को उसने पाला वही उसके लिए काल बन चुके हैं. हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान से कहा था कि सांप पालोगे तो एक दिन तुम्हें भी डस लेगा. आज कोई ऐसा महीना नहीं गुजरता जब पाक की सेना पर वहां के आतंकी हमला न कर रहे हों!

तहरीके तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) नाम का आतंकी संगठन तो खुलेआम पाकिस्तान पर कब्जे की बात करता है. अफगानिस्तान से लगे बड़े हिस्से में पाकिस्तानी सेना नहीं बल्कि टीटीपी की चलती है. पिछले साल दिसंबर में खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी ने सेना के 33 लोगों को बंधक बना लिया था. इतना ही नहीं टीटीपी लगातार ऐसे प्रोपेगैंडा वीडियो जारी करता रहता है जिसमें वह दिखाता है कि उसके स्नाइपर किस तरह से पाक सेना पर हमला कर रहे हैं. टीटीपी में तालिबान के साथ ही अलकायदा और इस्लामिक स्टेट के आतंकी भी आ मिले हैं. 

इसका गठन उसी बैतुल्ला मसूद ने किया था जिसके बारे में कहा जाता है कि उसी ने बेनजीर भुट्टो के कत्ल का षड्यंत्र रचा था! इस मसूद की निर्माता भी वहां की आईएसआई ही है. आज वह खुलेआम शरिया लॉ लागू करने की बात करता है. सेना पर हमले की बात करता है. देश के उत्तरी हिस्से में टीटीपी की घोषित सरकार है जिसमें बाकायदा कैबिनेट भी है. पाकिस्तानी सेना उसका कुछ नहीं बिगाड़ पा रही है! पिछले साल करीब पौने तीन सौ सैनिकों को टीटीपी ने मार डाला. टीटीपी ने लोगों से कहा है कि वे शाहबाज शरीफ और बिलावल भु्ट्टो के आसपास न जाएं. इनके खिलाफ कभी भी कार्रवाई की जा सकती है!  

इधर दूसरी ओर गिलगिट बाल्टिस्तान के इलाके में पाकिस्तान के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. उनका कहना है कि कारगिल तक का रास्ता खुलना चाहिए. सच्ची बात यह है कि इस इलाके के लोग पाकिस्तान से तंग आ चुके हैं. वे आजाद होकर हमारे कश्मीर के साथ मिलना चाहते हैं. वहां के अल्पसंख्यकों की हालत खराब है. वे एक मिनट भी पाक में नहीं रहना चाहते. वे भारत से प्यार करते हैं. जब हालात इतने खराब हों तो किसी दिन पाकिस्तान फिर टूट जाए तो क्या आश्चर्य? 

पाकिस्तान का दुर्भाग्य है कि उसका कंट्रोल कभी उसके पास रहा ही नहीं. पूरे देश का रिमोट कंट्रोल सेना के पास है. सेना का रिमोट कंट्रोल पहले अमेरिका के पास था और अब चीन के पास है. इमरान भी उसी रिमोट कंट्रोल के कारण गए क्योंकि उन्होंने उनकी धुन पर थिरकने से इंकार कर दिया था. आज के हालात में तो मुझे लग रहा है कि पाकिस्तान ने आत्मघाती बटन दबा दिया है..!  इन सबके बीच सबसे बड़ा डर यह है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार कहीं आतंकियों के हाथ न लग जाएं! ...खुदा पाकिस्तान को महफूज रखे.

Web Title: Dr. Vijay Darda's Blog: If Pakistan is really broken then what will happen

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