America Donald Trump: अमेरिका को लेकर आखिर ऐसी भी क्या दीवानगी?, बच्चे का जन्म 20 फरवरी के पहले हो जाए...
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: January 28, 2025 06:03 IST2025-01-28T06:03:07+5:302025-01-28T06:03:07+5:30
America Donald Trump: भारतीय महिलाएं यह सुनिश्चित करने में लगी हैं कि चिकित्सकीय मदद से उनके बच्चे का जन्म 20 फरवरी के पहले हो जाए.

file photo
America Donald Trump: आधुनिक दौर में कुछ इस तरह के किस्से पहले सुनने को मिले थे कि ज्योतिष शास्त्र पर अगाध विश्वास रखने वाले कुछ दंपतियों ने प्रसव की निर्धारित तिथि के आसपास ग्रहों की शानदार स्थिति में बच्चे का जन्म हो, इसके लिए चिकित्सकीय मदद से कोशिश की. दंपतियों का मानना था कि बच्चे का जन्म ग्रहों की शानदार स्थिति में हो तो उसका जीवन सुखमय होगा. मगर इस बार अमेरिका में मामला बिल्कुल अलग है. बहुत सारी भारतीय महिलाएं यह सुनिश्चित करने में लगी हैं कि चिकित्सकीय मदद से उनके बच्चे का जन्म 20 फरवरी के पहले हो जाए.
इस मंशा के पीछे ज्योतिष शास्त्र की कोई भूमिका नहीं है. इसके पीछे भूमिका है अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की. जो भारतीय या अन्य देशों के लोग काम करने अमेरिका जाते हैं, उनकी कोशिश रहती है कि उनके बच्चे का जन्म अमेरिका में ही हो क्योंकि वहां का संविधान जन्मजात नागरिकता सुनिश्चित करता रहा है लेकिन ट्रम्प को यह बर्दाश्त नहीं है.
उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे इस कानून को बदल देंगे. आते ही उन्होंने आदेश जारी भी कर दिए. अमेरिका के बहुत से राज्यों ने उनके आदेश की खिलाफत की है और मामला न्यायालय में भी गया है लेकिन ट्रम्प के तेवर सभी जानते हैं इसलिए दंपति चाह रहे हैं कि 20 फरवरी को कानून लागू होने से पहले उनके बच्चे का जन्म हो जाए.
इसके लिए सीजेरियन रास्ता अपनाए जाने की जानकारी आ रही है. हालांकि चिकित्सा विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि माताएं ऐसा फैसला न लें. इससे मां ओैर बच्चे की सेहत पर असर पड़ सकता है. लेकिन लोगों को सेहत से ज्यादा समृद्धि की चिंता है. बच्चे को अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है तो उसकी बल्ले-बल्ले..!
भारत में पता नहीं क्यों यह मानसिकता बन गई है कि किसी का बच्चा यदि विदेश में रहता है तो यह बड़ी बात होती है. इसी मानसिकता का नतीजा है कि लोग समय से पूर्व बच्चे को अमेरिका में प्रकट करना चाहते हैं. जाहिर तौर पर यह सब डॉलर का मायाजाल है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हर साल हजारों भारतीय अमेरिका में अवैध प्रवेश की कोशिश में गिरफ्तार हो जाते हैं लेकिन बहुत से लोग कामयाब भी हो जाते हैं. अभी ट्रम्प ने अवैध रूप से रह रहे लोगों को बाहर निकालने का काम शुरु कर दिया है.
पहली किस्त में 18 हजार ऐसे भारतीयों की पहचान की गई है जिनके पास वैध कागजात नहीं हैं. भारत सरकार ने उन्हें वापस लेने पर सहमति दे दी है. कहा जा रहा है कि यह संख्या लाखों में हो सकती है. सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी मैक्सिको के हैं जिनकी संख्या 40 लाख के आसपास बताई जा रही है. उसके बाद भारत, चीन, फिलीपींस, अल साल्वाडोर और दूसरे देशों का नंबर आता है.
जानकारों का अंदाजा है कि पहले चरण में ट्रम्प कम से कम 20 लाख लोगों को देश से बाहर करेंगे. निश्चित रूप से यह दुनिया का सबसे बड़ा निर्वासन कार्यक्रम होने जा रहा है. अवैध अप्रवासियों का सामूहिक निर्वासन उनके चुनावी वायदों में प्रमुख था इसलिए ट्रम्प इतनी जल्दी इस अभियान पर जुट गए हैं. ट्रम्प की यही खासियत है कि जो कह दिया वो कह दिया. फिर वे शायद अपने आप की भी नहीं सुनते..!