लाइव न्यूज़ :

नारी शक्ति के सम्मान की याद दिलाती है नवरात्रि, जिसके पीछे है आध्यात्मिक रहस्य 

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: October 10, 2018 05:43 IST

अखंड ज्योति अर्थात ज्ञान का घृत जब आत्मा की ज्योति में पड़ता है तो अखंड आत्म-ज्योति जागृत हो जाती है। व्रत का अर्थ है जीवन में दृढ़ संकल्प, उपवास से मनोबल में वृद्धि तथा नियम से जीवन में अनुशासन आता है।

Open in App

नरेंद्रकौर छाबड़ा भारत अध्यात्म प्रधान देश है जिसकी सभ्यता और श्रेष्ठ संस्कृति हमारे त्यौहारों में झलकती है। ऐसा ही त्यौहार है नवरात्रि।नवरात्रि में लोग देवियों का पूजन करते हैं। इसके साथ ही कलश स्थापना, अखंड ज्योति जलाना, व्रत, उपवास  तथा कन्या पूजन करने की परंपरा है। इन सबके पीछे भी आध्यात्मिक रहस्य है। कलश स्थापना अर्थात परमात्मा बुद्धि में ज्ञान के कलश रखते हैं जिससे ज्ञान का प्रकाश जीवन में आ जाता है। 

अखंड ज्योति अर्थात ज्ञान का घृत जब आत्मा की ज्योति में पड़ता है तो अखंड आत्म-ज्योति जागृत हो जाती है। व्रत का अर्थ है जीवन में दृढ़ संकल्प, उपवास से मनोबल में वृद्धि तथा नियम से जीवन में अनुशासन आता है। कन्या पूजन का अर्थ है कन्याओं का सम्मान करना। इससे परमात्मा भी प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है जिस घर में कन्याओं, नारियों का सम्मान होता है वहां देवता निवास करते हैं। अर्थात उस परिवार में दिव्यता आ जाती है। घर धन-धान्य से संपन्न हो जाता है।

इस अवसर पर मां दुर्गा, लक्ष्मी तथा सरस्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है। दुर्गा अर्थात दुगरुणों का नाश करने वाली। जब दुगरुण दूर होते हैं तो जीवन, चरित्र श्रेष्ठ बनता है। श्रेष्ठ सभ्यता, संस्कृति आने लगती है। ऐसे दिव्य जीवन में लक्ष्मी का आगमन होता है। अर्थात सद्गुणों का धन, श्रेष्ठता, सहयोग, संस्कार का धन जब जीवन में आ जाता है तो मां सरस्वती का आगमन होता है यानी ज्ञान का संचार होता है तो व्यक्ति जीवन की उच्चता को प्राप्त कर लेता है।

शक्ति, धन तथा ज्ञान इन तीनों का कोई आराध्य देवता नहीं है बल्कि देवियां हैं। इसलिए इन तीन देवियों की सबसे अधिक पूजा होती है। इन देवियों को बहुत सजी-धजी सुसज्जित दिखाया जाता है। इनके पीछे प्रकाश का आभामंडल होता है जो उनकी पवित्रता को दर्शाता है। अनेक आभूषणों से श्रृंगार यानी  दिव्य गुणों से सुसज्जित तथा शेर पर सवारी अर्थात निर्भयता का प्रतीक है। मां दुर्गा को अष्टभुजाधारी दिखाया जाता है जिसका अर्थ है उनके पास अष्टशक्तियां हैं। 

उनके हर हाथ में एक शस्त्र दिखाया जाता है जिसका आध्यात्मिक अर्थ इस प्रकार है। एक हाथ में गदा है अर्थात दृढ़ता के साथ बलशक्ति का होना, तलवार तीखी धार वाली होती है उससे एक ही झटके में महिषासुर का वध दिखाते हैं, यानी अपने भीतर के अवगुणों को एक ही झटके में दृढ़ता से खत्म करना। तीर कमान का अर्थ है जीवन में एक लक्ष्य पर टिककर कार्य करना। 

कमल का फूल देवी की पवित्रता को दर्शाता है। एक हाथ में दीप आत्मजागृति का प्रतीक है। शंख जागृति का प्रतीक है। चक्र इस बात का प्रतीक है कि दूसरों का चिंतन दर्शन करने के स्थान पर स्वयं के चिंतन पर ध्यान देकर अपने जीवन को श्रेष्ठतम बनाया जाए। एक हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में यह दर्शाता है कि सामने वाला हमारे बारे में कैसे भी विचार रखे हमें उसके प्रति शुभ भावना रखनी है जिससे हमारा ही कल्याण होगा। तो आइए श्रेष्ठ संकल्पों को धारण करते हुए अपने जीवन को ज्ञान से श्रेष्ठ चरित्र की ओर ले जाएं। 

टॅग्स :नवरात्रि
Open in App

संबंधित खबरें

भारतVIDEO: गोरखनाथ मंदिर में CM योगी ने कन्या पूजन किया, देखें वायरल वीडियो

बॉलीवुड चुस्कीVIDEO: शिल्पा शेट्टी ने पति राज कुंद्रा के साथ कन्या पूजन किया, देखें वीडियो

पूजा पाठनवरात्रि: उपनिषद में वर्णित है देवी का ब्रह्मरूप, ‘प्रज्ञान  ब्रह्मं’ ‘अहम् ब्रह्मास्मि’ की गूंज

पूजा पाठShardiya Navratri 2025: नवरात्रि के बाद कलश, चावल और नारियल का ऐसे करें इस्तेमाल, जानें क्या है नियम

पूजा पाठShardiya Navratri 2025: नवरात्रि में कब करना चाहिए कन्या पूजन, क्या कहता है शास्त्र विधान

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसूर्य ग्रह हर किसी की आत्मा है

पूजा पाठVrishchik Rashifal 2026: वृश्चिक राशिवालों के नए साल में सच होंगे सपने, पढ़ें अपना वार्षिक राशिफल

पूजा पाठSaptahik Love Rashifal: आपके प्रेम एवं वैवाहिक जीवन के लिए कैसा रहने वाला है यह सप्ताह, पढ़ें अपना प्रेम राशिफल

पूजा पाठPanchang 22 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 22 December 2025: आज ग्रह नक्षत्र इन 4 राशियों के लिए बेहद अनुकूल, जानें अपना राशिफल