महाराजा अग्रसेनः अग्र नीतियों के पालन से देश की प्रगति संभव

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 22, 2025 05:49 IST2025-09-22T05:49:29+5:302025-09-22T05:49:29+5:30

Maharaja Agrasen: शिव तपस्या से मां लक्ष्मी का वरदान प्राप्त कर अपने कुल को वैभव, समृद्धि और धर्म के मार्ग पर अग्रसर किया.

Maharaja Agrasen Progress country possible only by following progressive policies blog Dr Vishal Ladania | महाराजा अग्रसेनः अग्र नीतियों के पालन से देश की प्रगति संभव

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Highlightsमहाराजा अग्रसेन न केवल अग्रवाल समाज के आदि प्रवर्तक थे, बल्कि वे ऐसे दूरदर्शी नीतिकार भी थे.केंद्र में रखते हुए शासन, संस्कृति और संकल्प का विलक्षण उदाहरण प्रस्तुत किया. कुल को वैभव, समृद्धि और धर्म के मार्ग पर अग्रसर किया.

डॉ. विशाल लदनिया

महाराजा अग्रसेन न केवल अग्रवाल समाज के आदि प्रवर्तक थे, बल्कि वे ऐसे दूरदर्शी नीतिकार भी थे जिन्होंने अपने जीवन में सत्य, सेवा, समता और समाजहित को केंद्र में रखते हुए शासन, संस्कृति और संकल्प का विलक्षण उदाहरण प्रस्तुत किया. उनके सिद्धांत और मूल्य आज भी संपूर्ण राष्ट्र को मार्गदर्शन देते हैं. श्री अग्रसेनजी का जीवनकाल द्वापर युग के अंत में माना जाता है. श्रीकृष्ण के सान्निध्य में रहते हुए उन्होंने गीता के १८ अध्यायों का साक्षात श्रवण कर, उसे जीवन का मूल मंत्र बनाया. उन्होंने शिव तपस्या से मां लक्ष्मी का वरदान प्राप्त कर अपने कुल को वैभव, समृद्धि और धर्म के मार्ग पर अग्रसर किया.

उन्होंने तलवार को छोड़ तराजू को अपनाया - यह न केवल एक प्रतीक था बल्कि समाज को अहिंसा, व्यापार, सेवा और दान की ओर मोड़ने वाला क्रांतिकारी विचार था. व्यक्ति, समाज, राष्ट्र और विश्व की उन्नति चार मूल स्तंभों पर आधारित होती है: आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक. महाराजा अग्रसेनजी ने इन सभी स्तंभों को अपने राज्य में सुदृढ़ बनाया.

आर्थिक समानता के लिए उन्होंने एक अनूठी नीति अपनाई - राज्य में नवागत हर परिवार को एक रुपया और एक ईंट देने की परंपरा. यह व्यवस्था आज के सामाजिक सुरक्षा तंत्र जैसी थी, जिससे कोई भी नया व्यक्ति आत्मनिर्भर बन सके और सम्मानपूर्वक समाज में जी सके. महाराजा अग्रसेनजी ने अपने राज्य को १८ खंडों में विभाजित कर ‘अग्रोहा’ को राजधानी बनाया.

प्रत्येक खंड का मुखिया शासन परिषद का सदस्य होता था. यह एक प्रकार का जनतांत्रिक प्रशासनिक ढांचा था, जो आज के लोकतंत्र की पूर्वछाया माना जा सकता है. आज अग्रवाल समाज न केवल अपने वैभव और व्यापार कौशल के लिए जाना जाता है, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यह सब महाराजा अग्रसेनजी की दूरदर्शी नीतियों का ही परिणाम है.

भारत जैसे युवा देश को आज आवश्यकता है कि वह ‘अग्र नीति’ को आत्मसात करे - जहां आर्थिक समता, सामाजिक न्याय, सांस्कृतिक मूल्यों और जनहितकारी शासन को प्राथमिकता दी जाए. युवाओं को चाहिए कि वे अग्रसेनजी के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में योगदान दें.

महाराजा अग्रसेन केवल अग्रवाल समाज के पूर्वज नहीं, बल्कि भारतवर्ष के एक सार्वभौमिक समाजनायक हैं. उनका जीवन चरित्र सम्पूर्ण मानवता को दिशा देता है. आज की परिस्थितियों में जब सामाजिक विषमता, राजनीतिक द्वंद्व और आर्थिक असमानता बढ़ रही है - ऐसे समय में श्री अग्रसेनजी की नीतियां राष्ट्र के पुनर्निर्माण का मार्ग बन सकती हैं.

Web Title: Maharaja Agrasen Progress country possible only by following progressive policies blog Dr Vishal Ladania

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