मध्यप्रदेश के शाजापुर जिला मुख्यालय पर स्थित प्रसिद्ध मां राजराजेश्वरी मंदिर में चढ़ने वाले फूल अब व्यर्थ नहीं जाते. इनसे जैविक खाद बनाई जा रही है. भारत के कई और मंदिरों से ऐसे ही उदाहरण सामने आ रहे हैं.
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पूरी दुनिया की लगभग दो तिहाई शरणार्थी आबादी सिर्फ पांच देशों सीरिया, अफगानिस्तान, दक्षिण सूडान, म्यांमार और सोमालिया में बसी है. भारत में भी कई देशों के लोग शरणार्थी बनकर बसे हुए हैं, जिनमें तिब्बत, भूटान, नेपाल, म्यांमार आदि के शरणार्थी शामिल हैं.
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भारत के लिए चीन और पाकिस्तान के मामले में अमेरिकी नीति पर भरोसा करना मुश्किल है. वह भारत के लोकतंत्र की तारीफ तो करता है, पर अधिकतर अवसरों पर भारत के दुश्मनों के पाले में खड़ा दिखाई दिया है.
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आरबीआई ने समाधान देते हुए कहा कि 12 महीने में डिफॉल्टर पूरा सेटलमेंट कर देता है तो उसके बाद वो फिर से लोन पाने का हकदार होगा. इससे छोटे डिफॉल्टर्स की संख्या में भी कमी आएगी.
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उपद्रवियों ने थानों से इतनी आसानी से हथियार कैसे लूट लिए? कहां से मिल रहीं अत्याधुनिक राइफलें? मणिपुर इतनी भीषण आग के हवाले कैसे हो गया? अपनी कमजोरियों से हमें इनकार नहीं लेकिन पड़ोसियों की साजिश की गंध भी तेजी से फैलने लगी है।
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बता दें कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग से वैश्विक स्तर पर मरुस्थलीकरण का मुकाबला करने के लिए जन-जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1995 से ‘विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम और सूखा दिवस’ मनाया जा रहा है।
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सात माह की दुधमुंही अरिहा शाह को बीस माह पहले जर्मनी की बाल कल्याण सेवा द्वारा अपनी कस्टडी में लेने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. मामला तूल पकड़ता जा रहा है, जिसकी छाया द्विपक्षीय संबंधों पर भी दिखाई दे रही है.
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ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में कई लोगों की मौत हो गई जिसके शवों की पहचान कर पाना तक मुश्किल हो गया है। अभी तक कई शवों की पहचान नहीं हो पाई है।
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नब्बे के दशक तक कोई यह सोच भी नहीं सकता था कि महाविनाश करने में सक्षम बिपरजॉय जैसा तूफान प्राणहानि नहीं कर पाएगा। गुजरात ने सत्तर के दशक में भी विनाशकारी समुद्री तूफान देखा है जिसमें भरूच तथा सूरत जैसे शहरों में लाशों के ढेर लग गए थे।
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