Paris Olympics 2024 live update: ‘बिंदास खेलो’ का नारा, 117 भारतीय खिलाड़ी पर 140 करोड़ की नजर, रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ दुनिया के सबसे बड़े खेल महोत्सव शुरू
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: July 27, 2024 11:04 AM2024-07-27T11:04:50+5:302024-07-27T11:08:56+5:30
Paris Olympics 2024 live update: ओलंपिक का मकसद हमेशा से ही खेलों के जरिये पूरी दुनिया में शांति और भाईचारा स्थापित करने का रहा है लेकिन समय के साथ-साथ इसकी जगह प्रतिस्पर्धा ने ले ली.
Paris Olympics 2024 live update: रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ दुनिया के सबसे बड़े खेल महोत्सव - ओलंपिक 2024 का आगाज फ्रांस की राजधानी पेरिस में हो चुका है. ओलंपिक का यह 33वां संस्करण पेरिस के लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि ठीक सौ साल बाद उसे इन खेलों की मेजबानी मिली है. पेरिस खेलों के जरिये फ्रांस के आयोजकों ने पूरी दुनिया को ‘बिंदास खेलो’ का नारा दिया है. ओलंपिक का मकसद हमेशा से ही खेलों के जरिये पूरी दुनिया में शांति और भाईचारा स्थापित करने का रहा है लेकिन समय के साथ-साथ इसकी जगह प्रतिस्पर्धा ने ले ली.
Best wishes to the Indian contingent. #Olympics#Paris2024pic.twitter.com/0elaM3xT6g
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प्रकारांतर से ओलंपिक ज्यादा से ज्यादा पदक जीतकर अपनी ताकत दिखाने का मंच बन गया. अमेरिका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे देश ओलंपिक खेलों में अधिक से अधिक पदक जीतकर अपना वर्चस्व स्थापित करने में जुट गए. आयोजन के चार साल पहले से ही इसकी तैयारी होने लगी. भारत भी इस होड़ में शामिल हो गया.
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भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन, देश का खेल मंत्रालय तथा संबद्ध खेलों के महासंघ खिलाड़ियों को ओलंपिक खेलों के लिए तैयार कराने में जुट गए. हालांकि अमेरिका, रूस, चीन जैसे प्रगत राष्ट्रों की तुलना में ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के पदक जीतने की रफ्तार बेहद धीमी है. ओलंपिक खेलों में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पिछले 2020 के टोक्यो ओलंपिक में रहा है.
Team Palestine 🇵🇸
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Don’t skip this post without leaving a million heart for them. #Olympics #Paris2024pic.twitter.com/bacMHfmjFy
जहां उसने एक स्वर्ण पदक के साथ कुल सात पदक जीते थे. पेरिस ओलंपिक में देश का 117 सदस्यीय दल शिरकत कर रहा है और भारतीय खेलकूद के कर्ताधर्ताओं ने इस बार पिछले (टोक्यो ओलंपिक) प्रदर्शन से दोगुने पदक जीतने का लक्ष्य रखा है. 140 करोड़ की आबादी वाले देश के लिए यह बहुत बड़ा लक्ष्य तो कतई नहीं है.
🏅 Just 1 Day to Go! 🏅
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We're on the edge of our seats as the world gears up for the ultimate celebration of sports and unity! 🌍✨
Join us as we cheer for our athletes, celebrate their hard work, and witness the incredible feats of human strength and spirit. Let's make history… pic.twitter.com/GhGbgKQxHN
बावजूद इसके देश के अनेक खेलकूद जानकारों की मानें तो सबसे पहले भारत के सामने पिछले प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती होगी. दरअसल, हम वास्तविकता को नजरअंदाज नहीं कर सकते. क्रिकेट को धर्म मानने वाले इस देश में आज भी अन्य खेलों के साथ बराबरी का व्यवहार नहीं हो रहा है.
On the square in front of the Town Hall, a real sporting and cultural festival is offered to you: Giant screens for live competitions, 7 sports and para-sports practice areas, a main stage for great entertainment and workshops for all.
— Olympic Games Paris Inu (@OlympicGamesInu) July 21, 2024
Together, let's celebrate the Paris 2024… pic.twitter.com/RsGma9j0aA
यही कारण है कि डेढ़ दशक तक अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का परचम लहराने वाली दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल को शटलर बनने पर पछतावा करना पड़ता है. हालांकि हम महज क्रिकेट के कर्ताधर्ताओं पर दोषारोपण कर इससे निजात नहीं पा सकते. इसके लिए हमारी मानसिकता में आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है.
आज भी अधिसंख्य भारतीय परिवारों की सोच डॉक्टर-इंजीनियर बनाने की ही है. क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता और अकूत धन के चलते इस खेल की ओर देखने के नजरिये में हल्का-सा परिवर्तन आया है. आज हम भले ही महिला सशक्तिकरण पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन आज भी लड़कियों को खेलकूद में हिस्सा लेने के लिए परिवार और समाज के साथ जूझना पड़ता है.
भारत की आबादी का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में बसता है लेकिन खेलकूद की बुनियादी सुविधाओं से देश का ग्रामीण क्षेत्र काफी हद तक वंचित है. कुल मिलाकर, भारत को दुनिया में खेल शक्ति के रूप में स्थापित होने में अभी लंबा वक्त लगेगा. सरकारी अनुदानों पर निर्भर होने से काम नहीं चलेगा बल्कि एक देशव्यापी आंदोलन की जरूरत होगी जिसमें पूरे समाज की सक्रियता बेहद आवश्यक हो जाती है.