Asian Games 2023: स्वर्णिम दौर में फिर से लौटती भारतीय हॉकी
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: October 7, 2023 02:49 PM2023-10-07T14:49:29+5:302023-10-07T14:52:09+5:30
हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई में शिरकत करने वाली भारतीय टीम ने खिताबी मुकाबले में जापान को 5-1 से शिकस्त देकर न केवल स्वर्ण पदक जीता, बल्कि वर्ष 2024 में पेरिस में होने वाले ओलंपिक्स में भी जगह बना ली।
चीन के हांगझोउ में चल रहे एशियाई देशों के सबसे बड़े खेल महोत्सव में भारत की पुरुष हॉकी टीम ने शुक्रवार को स्वर्ण पदक जीतकर देशवासियों को झूमने का अवसर मुहैया कराया. हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई में शिरकत करने वाली भारतीय टीम ने खिताबी मुकाबले में जापान को 5-1 से शिकस्त देकर न केवल स्वर्ण पदक जीता, बल्कि वर्ष 2024 में पेरिस में होने वाले ओलंपिक्स में भी जगह बना ली. पुरुष हॉकी टीम की यह हाल के वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि है. भारतीय हॉकी टीम ने चौथी बार एशियाई खेलों में चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया है.
इससे पूर्व वह 1966, 1998 और 2014 में भी अपना स्वर्णिम प्रदर्शन कर चुकी है. नौ रजत और तीन कांस्य पदक भी उसने जीते हैं. हांगझोउ में भारतीय पुरुष टीम को मिली स्वर्णिम कामयाबी पिछले कुछ वर्षों की मेहनत का परिणाम है. बेशक, इस कामयाबी में खिलाड़ियों की मेहनत अहम रही है. लेकिन साथ ही हॉकी इंडिया की दूरदर्शिता और बीजू पटनायक की ओडिशा सरकार की हॉकी को बढ़ावा देने वाली योजनाओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
इन संयुक्त प्रयासों की झलक मौजूदा एशियाई खेलों में देखने को मिली. प्रतियोगिता की शुरुआत से ही भारतीय टीम ने दमदार प्रदर्शन से अपने आपको खिताब के प्रबलतम दावेदार के रूप में पेश किया. मैच दर मैच उसके प्रदर्शन में निरंतर निखार देखने को मिला. खासतौर से पाकिस्तान, द. कोरिया जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ आकर्षक जीत दर्ज कर उसने देशवासियों में पदक की उम्मीद जगा दी थी जिसे जापान के खिलाफ फाइनल में एकतरफा जीत से साकार कर दिखाया. पिछले कुछ वर्षों में भारतीय हॉकी के प्रदर्शन में जबर्दस्त सुधार देखा जा रहा है.
टीम ने टोक्यो ओलंपिक में 40 साल बाद पदक (कांस्य) जीता था. हॉकी इंडिया के प्रयासों का इसे परिणाम कहा जाएगा. हॉकी इंडिया ने विदेशी कोच नियुक्त किए. खिलाड़ियों को कई तरह की सुविधाएं दीं और खिलाड़ियों ने भी भरपूर मेहनत की. हॉकी में भारत का अतीत गौरवशाली रहा है. आठ बार ओलंपिक में भारतीय टीम स्वर्ण जीत चुकी है. टोक्यो ओलंपिक और मौजूदा एशियाई खेलों में भारतीय टीम के प्रदर्शन को देख कहा जा सकता है कि हमारी टीम अपने स्वर्णिम अतीत को हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्पित है.
एशियाई खेलों के इस 19वें संस्करण में भारत के ओवरऑल प्रदर्शन की बात करें तो भारत 20 से ज्यादा स्वर्ण पदकों सहित कुल पदकों का सैकड़ा पूरा करने जा रहा है. 1951 से शुरू हुए एशियाई खेलों में भारत ने वर्ष 2018 के जकार्ता में आयोजित संस्करण में सर्वाधिक 71 पदक जीतने का रिकाॅर्ड बनाया था जिसे इस बार पीछे छोड़ दिया है. हालांकि एशियाई खेलों के समापन में अभी दो दिन शेष हैं और उम्मीद करनी चाहिए कि भारतीय दल अपने 100 पदकों के मिशन को पूरा कर ही स्वदेश लौटेगा.
पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में भी पदकों के लिहाज से भारत का प्रदर्शन संतोषजनक रहा था. टोक्यो ओलंपिक और हांगझोउ एशियाई खेलों में भारतीयों ने जिस तरह से पदक बटोरे हैं, वह हमारे देश में खेलों के प्रति आ रहे सकारात्मक बदलावों की तस्दीक करता है. अब केवल क्रिकेट ही नहीं अन्य खेलों में भी भारत अपनी शक्ति दिखाने लगा है जो शुभ संकेत है.