वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: कश्मीर पर पाक का नया राग

By वेद प्रताप वैदिक | Published: September 2, 2019 11:52 AM2019-09-02T11:52:54+5:302019-09-02T11:52:54+5:30

अब दोनों देशों के बीच परंपरागत युद्ध और परमाणु-मुठभेड़ की बात पर्दे के पीछे चली गई है. सच्चाई तो यह है कि अब भारत को अपनी तरफ से कुछ करना नहीं है. उसे जो करना था, वह उसने 5 अगस्त को कर दिया. जो कुछ करना था या अब करना है, वह पाकिस्तान को करना है.

Vedapratap Vedic's blog: Pak's new raga on Kashmir | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: कश्मीर पर पाक का नया राग

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: कश्मीर पर पाक का नया राग

भारत में कश्मीर के पूर्ण विलय को अब एक महीना हो रहा है. ऐसा लगता है कि पाकिस्तान अपने बड़बोलेपन से थक गया है. उसके नेताओं ने अब नया राग छेड़ा है. वे भारत से बात करना चाहते हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्नी ने कहा है कि यदि भारत सरकार कश्मीरी नेताओं को रिहा कर दे और उनसे उन्हें बात करने दे तो वे भारत से संवाद कर सकते हैं. इधर हमारे विदेश मंत्नी ने यूरोपीय संघ से ब्रुसेल्स में कहा है कि भारत भी पाक से बात करने को तैयार है बशर्ते वह आतंकवाद और हिंसा का रास्ता छोड़ दे. 


अब दोनों देशों के बीच परंपरागत युद्ध और परमाणु-मुठभेड़ की बात पर्दे के पीछे चली गई है. सच्चाई तो यह है कि अब भारत को अपनी तरफ से कुछ करना नहीं है. उसे जो करना था, वह उसने 5 अगस्त को कर दिया. जो कुछ करना था या अब करना है, वह पाकिस्तान को करना है.

पाकिस्तान आज सीमित युद्ध छेड़ने की स्थिति में भी नहीं है. उसकी आर्थिक और राजनीतिक हालत डांवांडोल है. कश्मीर के सवाल पर दुनिया के एक राष्ट्र ने भी भारत की कार्रवाई का विरोध नहीं किया है. सिर्फ चीन कुछ बोला है लेकिन वह क्या बोला है, उसका मतलब क्या है, उसे खुद इसका पता नहीं है.

वह खुद हांगकांग, सिक्यांग और तिब्बत के कारण फंसा हुआ है. वह पाकिस्तान का साथ देने का नाटक इसलिए कर रहा है कि एक तो उसे पाक ने कश्मीर की पांच हजार वर्ग किमी जमीन भेंट कर रखी है और दूसरा वह बलूचिस्तान को अपना अड्डा बना रहा है. अब चीन और पाकिस्तान के पास सिर्फ एक ही मुद्दा रह गया है.

वह कश्मीर किसका है, यह नहीं, बल्कि यह कि वहां मानव अधिकारों का हनन हो रहा है. भारत सरकार की दक्षता पर यह निर्भर करेगा कि वह इस प्रोपेगंडा की काट कैसे करेगी. क्या यह बेहतर नहीं होगा कि गिरफ्तार कश्मीरी नेताओं से भी कुछ प्रमुख भारतीय नागरिक बात करने के लिए भेजे जाएं? जरूरी यह भी है कि कश्मीरी जनता की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए और उन पर से प्रतिबंध उठा लिए जाएं लेकिन उन्हें यह बता दिया जाए कि हिंसा और आतंक का प्रतिकार अत्यंत कठोर हो सकता है. 

Web Title: Vedapratap Vedic's blog: Pak's new raga on Kashmir

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