वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: नीतीश कुमार के नए तेवर के मायने

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: August 4, 2021 08:58 IST2021-08-04T08:56:16+5:302021-08-04T08:58:46+5:30

नीतीश कुमार को लेकर कुछ लोगों की राय है कि अब वे कहीं विपक्ष से हाथ मिलाने की तैयारी तो नहीं कर रहे हैं? वे कब किसके साथ हो जाएं, कुछ पता नहीं. उनकी सबके साथ पट जाती है.

Ved Pratap Vaidik blog: Nitish Kumar new attitude and statement on Pegasus issue | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: नीतीश कुमार के नए तेवर के मायने

नीतीश कुमार के बदले-बदले तेवर! (फाइल फोटो)

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़े मजेदार नेता हैं. वे कई ऐसे अच्छे काम कर डालते हैं, जिन्हें करने से बहुत-से नेता डरते रहते हैं. अपने देश में कितने मुख्यमंत्री हैं, जो जनता दरबार लगाने की हिम्मत करते हैं? आम आदमी का तो उनसे मिलना ही मुश्किल होता है. उनके टेलीफोन ऑपरेटर और निजी सचिव ही ज्यादातर लोगों को टरका देते हैं लेकिन एक जमाना था जबकि इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर, विश्वनाथ प्रताप सिंह और राजीव गांधी प्रधानमंत्री निवास पर अक्सर जनता दरबार लगाते थे. 

कोई भी नागरिक वहां पहुंचकर अपने दिल का दर्द बयान कर देता था. न सिर्फ उसकी शिकायत को ध्यान से सुना जाता था, बल्कि उसके समाधान के आदेश भी तुरंत जारी किए जाते थे. कल पटना में नीतीश के जनता दरबार में ऐसे कई किस्से सामने आए. कुछ नागरिकों ने कहा कि अफसरों ने हमसे रिश्वतें मांगीं और जब हमने कहा कि ये बात हम मुख्यमंत्री को बताएंगे तो अफसरों ने कहा कि जाओ, चाहे जिसको बताओ. यहां तो पैसा धरो और काम करवाओ. नीतीश ने अपनी सरकार के मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों को ऐसे सभी मामलों पर तुरंत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए.

करीब तीन साल पहले पटना में नीतीशजी से मैंने कहा, भाई आपने सारे बिहार में शराबबंदी लागू कर दी लेकिन पटना के पांचसितारा होटल में मद्यपान जारी है. अब गरीब ग्रामीण लोग लुटेंगे और महंगी शराब पीने के लिए पटना आएंगे. उन्होंने तुरंत आदेश देकर पटना में भी शराबबंदी लागू करवा दी. 

इसी प्रकार जब वे रेल मंत्री थे तो रेल के हर कार्य में हिंदी को पहले और अंग्रेजी को पीछे कर दिया. इसी तरह से पत्रकारों के पूछने पर उन्होंने पेगासस-जासूसी पर भी ऐसी बात कह दी, जिस पर सभी भाजपा-गठबंधन के नेता चुप्पी साधे हुए हैं. 

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर संसद में बहस क्यों न हो? उन्होंने टेलीफोनी-जासूसी पर अपनी बात इस अदा से कही जैसे प्रदेशों में ऐसी कोई जासूसी होती ही नहीं है. वे संयुक्त संसदीय समिति की छानबीन को भी टाल गए लेकिन उनके यह कहने के ही कई अर्थ लगाए जा रहे हैं. 

कुछ लोगों की राय है कि नीतीश अब कहीं विपक्ष से हाथ मिलाने की तैयारी तो नहीं कर रहे हैं? वे कब किसके साथ हो जाएं, कुछ पता नहीं. उनकी सबके साथ पट जाती है. उनकी जातीय जनगणना की मांग का भी यही अर्थ लगाया जा रहा है कि वे देश के सभी अनुसूचितों और पिछड़ों को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं. 

उनके इसी तेवर की व्याख्या करते हुए कुछ लोग उन्हें अगला प्रधानमंत्री घोषित करने की कोशिश कर रहे हैं. अच्छा हुआ कि नीतीश ने इस कपोल-कल्पना का खंडन कर दिया, वरना बिहार में उनका मुख्यमंत्री पद भी खटाई में पड़ सकता था.

Web Title: Ved Pratap Vaidik blog: Nitish Kumar new attitude and statement on Pegasus issue

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे