वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: खस्ताहाल पाकिस्तान की निराशा

By वेद प्रताप वैदिक | Published: August 14, 2019 06:03 AM2019-08-14T06:03:00+5:302019-08-14T06:03:00+5:30

पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने अपने कब्जाए हुए कश्मीर में जाकर जो तकरीर की है, वह पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सूरत का आईना है.

Ved Prakash Vaidik Pakistan faces disappointment | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: खस्ताहाल पाकिस्तान की निराशा

फाइल फोटो

Highlightsजयशंकर ने चीनी नेताओं को समझा दिया है कि लद्दाख में कण भर भी परिवर्तन नहीं हुआ है. जयशंकर ने भारत-चीन व्यापार के बीच पैदा हुए असंतुलन को सुधारने का आग्रह किया है. 


विदेश मंत्नी एस. जयशंकर एकदम ठीक मौके पर चीन पहुंचे. उनके पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्नी शाह महमूद कुरैशी चीन जाकर खाली हाथ लौट चुके थे. कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तानी दबाव में आकर चीन कोई अप्रिय रवैया अख्तियार न कर ले, इस दृष्टि से जयशंकर की यह यात्रा सफल रही. 

यों 1963 में पाकिस्तान ने चीन को अपने कब्जाए हुए कश्मीर में से 5 हजार वर्ग किमी जमीन भेंट कर दी थी. इसीलिए चीन हमेशा कश्मीर पर पाक का समर्थन करके अपना अहसान उतारता रहा, लेकिन पिछले कुछ वर्षो से उसका रवैया इस मामले में कुछ तटस्थ-सा हो गया है. उसने इस बार सिर्फ लद्दाख को केंद्र प्रशासित बनाने पर विरोध जाहिर किया है, क्योंकि उसका मानना रहा है कि लद्दाख क्षेत्र में भारत ने उसकी कुछ जमीन पर कब्जा कर रखा है.

जयशंकर ने चीनी नेताओं को समझा दिया है कि लद्दाख के इस नए रूप के कारण यथास्थिति में कण भर भी परिवर्तन नहीं हुआ है. लद्दाख को केंद्र प्रशासित करने का अर्थ यह नहीं है कि लद्दाख की जो जमीन चीन के कब्जे में है, भारत उसे डंडे के जोर पर छीनना चाहता है. जयशंकर ने भारत-चीन व्यापार के बीच जो असंतुलन पैदा हो गया है, उसे भी सुधारने का आग्रह किया है. 

मैं सोचता हूं कि यह सही मौका है, जबकि प्रधानमंत्री को अपने विशेष दूत सऊदी अरब, इंडोनेशिया, तुर्की, मोरक्को, मिस्र, ईरान आदि इस्लामी देशों के साथ-साथ कुछ प्रमुख यूरोपीय राष्ट्रों में भी भेज देने चाहिए, जैसे कि 1971 में बांग्लादेश के वक्त इंदिराजी के आग्रह पर जयप्रकाश नारायण और शिशिर गुप्ता गए थे. 

कश्मीर में आगे जो कुछ होने वाला है, उसके संदर्भ में ऐसी यात्राएं बहुत फायदेमंद साबित हो सकती हैं. वैसे पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने अपने कब्जाए हुए कश्मीर में जाकर जो तकरीर की है, वह पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सूरत का आईना है. उन्होंने कहा कि आप लोग किसी गलतफहमी में मत रहिए. सुरक्षा परिषद आपका हार-मालाएं लेकर इंतजार नहीं कर रही है और दुनिया के मुस्लिम राष्ट्रों ने भारत में अरबों रुपये लगा रखे हैं. वे आपकी खातिर अपना नुकसान क्यों करेंगे? 

Web Title: Ved Prakash Vaidik Pakistan faces disappointment

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे