डिजिटल युग में दुनिया में निरंतर बढ़ रहा हिंदी का प्रभाव

By योगेश कुमार गोयल | Updated: January 10, 2025 06:40 IST2025-01-10T06:39:06+5:302025-01-10T06:40:13+5:30

अमेरिका के ही 30 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों में भाषायी पाठ्यक्रमों में हिंदी को महत्वपूर्ण स्थान मिला हुआ है.

The influence of Hindi is continuously increasing in the world in the digital age | डिजिटल युग में दुनिया में निरंतर बढ़ रहा हिंदी का प्रभाव

डिजिटल युग में दुनिया में निरंतर बढ़ रहा हिंदी का प्रभाव

दुनियाभर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए वातावरण निर्मित करने, हिंदी के प्रति अनुराग उत्पन्न करने तथा इसे अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रस्तुत करने के उद्देश्य से हर साल 10 जनवरी को ‘विश्व हिंदी दिवस’ मनाया जाता है. यह वास्तव में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी की महानता के प्रचार-प्रसार का एक सशक्त माध्यम है.

विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन पहली बार 10 जनवरी 1975 को नागपुर में किया गया था. पहले विश्व हिंदी सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे. उस आयोजन के जरिये विश्व हिंदी सम्मेलन मनाए जाने की विधिवत शुरुआत हो जाने के बाद भारत के अलावा मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद, अमेरिका आदि में भी आगामी वर्षों में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया.

विश्वभर में हिंदी के बढ़ते प्रभाव का ही परिणाम है कि वर्ष 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में पहली बार ‘अच्छा’, ‘बड़ा दिन’, ‘बच्चा’ और ‘सूर्य नमस्कार’ जैसे हिंदी शब्दों को भी सम्मिलित किया गया. तकनीकी रूप से हिंदी को और ज्यादा उन्नत, समृद्ध तथा आसान बनाने के लिए अब कई सॉफ्टवेयर भी हिंदी के लिए बन रहे हैं.

विश्व का प्रत्येक कोना, जहां भारतवंशी बसे हैं, वहां आज हिंदी धूम मचा रही है. प्रत्येक भारतवासी के लिए यह गौरव का विषय है कि आज दुनिया के 50 से भी अधिक देशों के 150 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों में हिंदी एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है और 80 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों में हिंदी का पूरा विभाग है. अमेरिका के ही 30 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों में भाषायी पाठ्यक्रमों में हिंदी को महत्वपूर्ण स्थान मिला हुआ है.

संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं चीनी (मंडारिन), अंग्रेजी, फ्रांसीसी, रूसी, स्पेनिश और अरबी हैं, जिनमें से यूएन का अधिकांश कामकाज अंग्रेजी और फ्रेंच में ही होता है. जून 2022 के दूसरे सप्ताह में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषणा की जा चुकी है कि यूएन की वेबसाइट पर हिंदी, उर्दू तथा बांग्ला में भी जानकारियां मिलेंगी.

दुनियाभर के लगभग 55 देशों में हिंदी बोली या समझी जाती है और एक दर्जन देश तो ऐेसे हैं, जहां हिंदी को पहली, दूसरी या तीसरी भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है. दक्षिण प्रशांत महासागर के देश फिजी में हिंदी को राजभाषा का आधिकारिक दर्जा प्राप्त है.

फिजी में इसे ‘फिजियन हिंदी’ अथवा ‘फिजियन हिंदुस्तानी’ भी कहा जाता है, जो अवधी, भोजपुरी और अन्य बोलियों का मिला-जुला रूप है. फिजी के अलावा नेपाल, मॉरीशस, सूरीनाम, त्रिनिदाद, टोबैगो इत्यादि में हिंदी वहां की मुख्य भाषा में शामिल हैं. हिंदी अब ऐसी भाषा बन चुकी है, जो प्रत्येक भारतीय को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाती है.

Web Title: The influence of Hindi is continuously increasing in the world in the digital age

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