पाक से मदद लेते हैं आतंकवादी
By वेद प्रताप वैदिक | Updated: June 15, 2019 19:57 IST2019-06-15T19:57:22+5:302019-06-15T19:57:22+5:30
बिश्केक में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में सारा फोकस ही बदला हुआ लग रहा है.

पाक से मदद लेते हैं आतंकवादी
बिश्केक में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में सारा फोकस ही बदला हुआ लग रहा है. भारतीय चैनल और अखबार ऐसा दर्शा रहे हैं, जैसा यह आठ राष्ट्रों की बैठक भारत-पाक तनाव को लेकर ही हो रही है. वास्तव में इस बैठक का असली मुद्दा यह है कि रूस और चीन मिलकर अमेरिकी दादागीरी का मुकाबला कैसे करें. ये दोनों महाशक्तियां अपने दंगल में भारत को भी शामिल करना चाहती हैं लेकिन भारत और अमेरिका के रिश्तों में थोड़े-से तात्कालिक तनाव के बावजूद काफी गहराई पैदा हुई है. डोनाल्ड ट्रम्प और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच जो सहज समीकरण बन गया है, उसे बिश्केक भावना के द्वारा हिलाया नहीं जा सकता.
जहां तक मोदी और इमरान की भेंट का सवाल है, उसका होना तो असंभव ही है लेकिन मैं यह मानता हूं कि भारत ने बालाकोट हमले और उसके बाद की प्रतिक्रियाओं से पाकिस्तान को काफी सबक सिखा दिया है. यदि पाकिस्तान की सरकार और फौज अपने आतंकवादियों का सफाया कर दे तो भी क्या आतंकवाद खत्म हो सकता है? नहीं हो सकता, क्योंकि कश्मीर, सिंक्यांग और काबुल में जो आतंकी सक्रि य हैं, वे सब पाकिस्तानी नहीं हैं और न ही वे पाकिस्तान के एजेंट हैं. वे स्वयंभू हैं. उनके अपने लक्ष्य हैं. वे पाकिस्तान से मदद लेते हैं लेकिन पाक सरकार और फौज से मतभेद होने पर वे पाकिस्तान के अंदर भी आतंक का नाच रचाते हैं.
यदि हम इसी शर्त पर अड़े रहे कि जबतक आतंकवाद खत्म नहीं होगा, तब तक कोई बात ही नहीं होगी तो मान लीजिए कि अगले दस-बीस साल बात ही नहीं होगी. एक तरफ इधर इमरान बात के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं और उधर अनंतनाग में आतंकी घटना घट गई! पाकिस्तान और भारत के बीच कहीं बातचीत शुरू न हो जाए, इसी डर से आतंकियों ने हमारे पांच जवानों को ऐन बिश्केक के वक्त शहीद कर दिया. इन बातों का मतलब समझना होगा.