ब्लॉग: मौजूदा सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल बनेंगे नए रॉ चीफ!

By हरीश गुप्ता | Updated: March 10, 2022 07:13 IST2022-03-10T07:13:34+5:302022-03-10T07:13:34+5:30

सुबोध कुमार जायसवाल को जल्द ही एक और शीर्ष पद से नवाजा जा सकता है. पीएमओ सूत्रों की मानें तो जायसवाल को भारत की प्रमुख जासूसी एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में भेजा जा सकता है.

Subodh Kumar Jaiswal of Maharashtra may be the new RAW Chief | ब्लॉग: मौजूदा सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल बनेंगे नए रॉ चीफ!

महाराष्ट्र के सुबोध कुमार जायसवाल बनेंगे नए रॉ चीफ!

1985 बैच के महाराष्ट्र के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल भाग्यशाली प्रतीत होते हैं. जायसवाल का महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ टकराव चल रहा था और वे इससे बाहर निकलने का रास्ता खोज रहे थे. लेकिन जब संक्षिप्त सूची तैयार की गई तो सीबीआई निदेशक के पद के लिए वे प्रधानमंत्री की पहली पसंद नहीं थे. 

पहली पसंद सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना थे, जो गुजरात कैडर के अधिकारी और मोदी के चहेते थे. लेकिन संयोग से, भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमणा अस्थाना के खिलाफ थे और चयन समिति की बैठक के दौरान जायसवाल के पक्ष में आम सहमति बन गई. अब जायसवाल से प्रधानमंत्री कार्यालय बेहद खुश है और वे सरकार में पसंदीदा और भरोसेमंद आईपीएस अधिकारी बनकर उभरे हैं. 

पता चला है कि जायसवाल को जल्द ही एक और शीर्ष पद से नवाजा जा सकता है. पीएमओ के सूत्रों की मानें तो जायसवाल को भारत की प्रमुख जासूसी एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में भेजा जा सकता है. मौजूदा रॉ चीफ सामंत गोयल का कार्यकाल इस साल जून में खत्म हो रहा है. लेकिन जायसवाल को अप्रैल की शुरुआत में रॉ में भेजा जा सकता है और सामंत गोयल को अगले कुछ वर्षो के लिए एक अन्य प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त किया जा सकता है. 

जायसवाल अगले दो साल तक रॉ के प्रमुख के तौर पर खुश भी हो सकते हैं. सीबीआई में उनका कार्यकाल अगले साल की शुरुआत में समाप्त हो रहा है और उन्हें एक अतिरिक्त वर्ष का इनाम मिल रहा है. उल्लेखनीय है कि जायसवाल पहले रॉ में रह चुके हैं और ख्याति अर्जित कर चुके हैं.

प्रवीण सिन्हा बन सकते हैं सीबीआई प्रमुख!

जायसवाल को इनाम अकारण नहीं है. सरकार प्रवीण सिन्हा को सीबीआई का अगला निदेशक बनाना चाहती है. सिन्हा फिलहाल स्पेशल डायरेक्टर के तौर पर दूसरे नंबर पर हैं. वे गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और इस साल अप्रैल में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. अगर उन्हें अप्रैल से पहले सीबीआई निदेशक नहीं बनाया जाता है, तो वे नियमित निदेशक नहीं बन सकते हैं. 

जब सुबोध कुमार जायसवाल को पिछले साल सीबीआई निदेशक के रूप में चुना गया था तब सिन्हा इस पद पर विचार के लिए पात्र नहीं थे क्योंकि 1984 से 1987 के बीच की बैचों के अधिकारियों पर विचार किया गया था. अगर अभी सीबीआई निदेशक का पद खाली हो जाता है तो वे शीर्ष पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभर सकते हैं. यदि जायसवाल कार्यकाल से पहले पद छोड़ देते हैं और रॉ में जाते हैं तो बिना किसी देरी के उन्हें निदेशक का प्रभार दिया जा सकता है. 

सिन्हा के पक्ष में एक और कारण यह है कि वे पिछले साल हुए कड़े चुनाव में चीन को हराकर एशिया से इंटरपोल की कार्यकारी समिति के लिए चुने गए थे. सिन्हा की जीत सुनिश्चित करने के लिए पीएमओ और विदेश मंत्रलय ने पूरी ताकत लगा दी थी. यह महत्वपूर्ण पद तीन साल के लिए है और यदि सिन्हा सेवानिवृत्त हो जाते हैं तो भारत इस पद को इंटरपोल में बरकरार नहीं रख सकता है. इसलिए इस पद पर बने रहने के लिए सिन्हा को बरकरार रखा जाना है क्योंकि नियमानुसार कोई भी सेवानिवृत्त अधिकारी इंटरपोल की कार्यकारी समिति में नहीं हो सकता है. 

इसी संदर्भ में प्रवीण सिन्हा को प्रतिष्ठित पद देना पड़ सकता है और जायसवाल को रॉ में स्थानांतरित किया जा सकता है. लेकिन अभी पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.

लुटियंस की दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन

प्रधानमंत्री मोदी ने दिवंगत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक दुर्लभ सम्मान दिया, जब उन्होंने लुटियंस दिल्ली के केंद्र में प्रवासी भारतीय भवन का नाम उनके नाम पर रखा. सुषमा स्वराज भवन में 2023 में भारत द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित जी-20 शिखर सम्मेलन होगा. दुनिया भर से आने वाले वैश्विक नेताओं, अधिकारियों और मीडिया की मेजबानी के लिए अत्याधुनिक इमारत बनाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. 

भारत को अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 2022 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करनी थी. 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन इंडोनेशिया में होना था. लेकिन मोदी ने इंडोनेशिया और अन्य विश्व नेताओं से एक विशेष अनुरोध किया कि वे स्थानों की अदला-बदली के लिए सहमत हों. 
मोदी अक्तूबर 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन करना चाहते हैं. वास्तव में, मोदी की योजना 2024 के आम चुनावों से पहले एक के बाद एक कार्यक्रम आयोजित करने की है. इससे पहले, फॉरेन सर्विस इंस्टीट्यूट का नाम बदलकर सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस भी कर दिया गया था.

अगला सीडीएस कौन?

अब यह स्पष्ट रूप से उभर रहा है कि विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अगले कुछ हफ्तों के भीतर एक नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति की जाएगी.  वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल मनोज नरवणो, एक अन्य महाराष्ट्रीयन, जनरल बिपिन रावत की जगह ले सकते हैं, जिनकी पिछले साल एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. 

जनरल नरवणो ने दिसंबर 2019 में जनरल रावत के उत्तराधिकारी के रूप में सेना प्रमुख का पदभार संभाला था और उनकी मृत्यु तक उनके साथ मिलकर काम किया था. जनरल नरवणो तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ भी हैं.

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