शशिधर खान का ब्लॉगः मणिपुर यूनिवर्सिटी में अशांति क्यों?

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: October 6, 2018 06:39 AM2018-10-06T06:39:01+5:302018-10-06T06:39:01+5:30

कुलपति के भारी वित्तीय हेराफेरी करने और यूनिवर्सिटी कैंपस में जबरन हिंदुत्व एजेंडा थोपने के विरोध में तकरीबन चार महीने से छात्र-शिक्षक समेत सभी कर्मचारी यूनियन हड़ताल पर हैं। 

Shashidhar Khan blog: Why unrest in Manipur University? | शशिधर खान का ब्लॉगः मणिपुर यूनिवर्सिटी में अशांति क्यों?

शशिधर खान का ब्लॉगः मणिपुर यूनिवर्सिटी में अशांति क्यों?

शशिधर खान

मणिपुर केंद्रीय यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो़ आद्या प्रसाद पांडेय (निलंबित) केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय की नाराजगी के बावजूद कुर्सी से चिपके रहने पर अड़े हैं। पूरे यूनिवर्सिटी कैंपस में अराजकता की स्थिति है। पढ़ाई-लिखाई से लेकर तमाम शैक्षणिक गतिविधियां ठप हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय (एचआरडी) के आदेशों की खुली अवहेलना करके उद्दंडता और उच्छृंखलता पर आमादा कुलपति ने मंत्रलय को ही चुनौती दे डाली है। कुलपति के भारी वित्तीय हेराफेरी करने और यूनिवर्सिटी कैंपस में जबरन हिंदुत्व एजेंडा थोपने के विरोध में तकरीबन चार महीने से छात्र-शिक्षक समेत सभी कर्मचारी यूनियन हड़ताल पर हैं। 

मई से शुरू हड़ताल के पहले तीन महीने तक तो केंद्र सरकार ने आखें बंद रखीं। यहां तक कि मणिपुर के भाजपा मुख्यमंत्री एऩ बीरेन सिंह के मौखिक रूप से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को कहने और फिर पत्र लिखने के बावजूद कुलपति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

जब एचआरडी मंत्रलय के लिए पल्ला झाड़ना कठिन हो गया, तब जाकर 23 अगस्त को छात्र-शिक्षक यूनियनों और केंद्रीय एचआरडी के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस आश्वासन पर आंदोलनकारी छात्र हड़ताल वापस लेने को तैयार हुए कि कुलपति के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सहमति इस वायदे पर बनी कि कुलपति आद्या प्रसाद पांडे के खिलाफ लगे वित्तीय गोलमाल और अन्य भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कमेटी बनाई जाएगी। 

कुलपति पर यूनिवर्सिटी के विकास मद का पैसा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के खाते में भिजवाने का भी आरोप है। समझौते से पहले 2 अगस्त को ही मंत्रलय ने कुलपति को छुट्टी पर जाने को कह दिया और उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक तथ्य खोजी टीम इंफाल भेजने की घोषणा भी कर दी गई। 

लेकिन 23 अगस्त को समझौता होने के समय तक यूनिवर्सिटी के छात्र-शिक्षक और मणिपुर के लोग नहीं जानते थे कि कुलपति को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय के किसी निर्देश की परवाह नहीं है। यह तब पता चला जब दो सितंबर को आद्या प्रसाद पांडे अचानक छुट्टी से वापस आकर कुलपति की कुर्सी पर बैठ गए और तुरंत कार्यवाहक वी। सी। कुलपति तथा रजिस्ट्रार को निलंबित कर दिया। 

Web Title: Shashidhar Khan blog: Why unrest in Manipur University?

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :Manipurमणिपुर