शशांक द्विवेदी का ब्लॉग: स्वदेशी तकनीक, प्रौद्योगिकी विकसित करने का अवसर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 11, 2020 09:14 AM2020-05-11T09:14:38+5:302020-05-11T09:14:38+5:30

देश में प्रौद्योगिकीय क्षमता के विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत में प्रतिवर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व में सन 1998 में भारत ने पोखरण में अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया था. यह दिवस हमारी ताकत, कमजोरियों, लक्ष्य के विचार मंथन के लिए मनाया जाता है जिससे प्रौद्योगिकी के क्षेत्न में हमें देश की दशा व दिशा का सही ज्ञान हो सके.

Shashank Dwivedi blog: It is an Opportunity to develop Indigenous technology amid Coronavirus outbreak | शशांक द्विवेदी का ब्लॉग: स्वदेशी तकनीक, प्रौद्योगिकी विकसित करने का अवसर

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (Image Source: Pixabay)

पूरी दुनिया में छाए कोरोना संकट के बीच अब यह बात हमें समझ जानी चाहिए कि स्वदेशी तकनीक और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं है. कोरोना संकट ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है ऐसे में अब समय आ गया है जब भारत हर क्षेत्न में स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित करे क्योंकि अभी भी भारत अपनी रक्षा जरूरतों का लगभग 60 प्रतिशत सामान आयात करता है. साथ ही मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक सहित कई क्षेत्नों में भी बड़े पैमाने पर आयात होता है. देश में प्रौद्योगिकी के स्तर पर भी हम काफी हद तक विकसित देशों पर निर्भर रहते हैं. लेकिन कोरोना संकट के बाद अब बदले हुए भारत की कल्पना करनी होगी जिसमें  हर क्षेत्न में स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित करते हुए देश को मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाना होगा.

कोरोना संकट की वजह से दुनिया के अधिकांश देश चीन के खिलाफ हैं और चीन से अपनी मैन्युफैक्चरिंग हटाना चाहते हैं. ऐसे में भारत के लिए ये एक बड़ा अवसर है कि वो इन कंपनियों को भारत में काम करने का मौका दे और साथ में अपनी खुद की स्वदेशी तकनीक और प्रौद्योगिकी विकसित करे.

देश में प्रौद्योगिकीय क्षमता के विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत में प्रतिवर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व में सन 1998 में भारत ने पोखरण में अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया था. यह दिवस हमारी ताकत, कमजोरियों, लक्ष्य के विचार मंथन के लिए मनाया जाता है जिससे प्रौद्योगिकी के क्षेत्न में हमें देश की दशा व दिशा का सही ज्ञान हो सके.

पिछले कुछ समय में भारत ने अपनी उन्नत स्वदेशी प्रौद्योगिकी का परिचय देते हुए अंतरिक्ष के क्षेत्न में सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं. देश को यही जरूरत बाकी दूसरे क्षेत्नों के लिए भी है जब हम अपनी स्वदेशी तकनीक पर काम कर सकें. हम स्वदेशी प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके रक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्न में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन ये कामयाबियां अभी मंजिल तक पहुंचने का पड़ाव भर हैं और हमें लंबा रास्ता तय करते हुए विश्व को यह दिखाना है कि भारत में प्रतिभा और क्षमता की कोई कमी नहीं है.

Web Title: Shashank Dwivedi blog: It is an Opportunity to develop Indigenous technology amid Coronavirus outbreak

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