वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: राशिद ने पाक को बेनकाब किया
By वेद प्रताप वैदिक | Published: December 3, 2019 02:33 PM2019-12-03T14:33:36+5:302019-12-03T14:33:36+5:30
मान लिया कि यह फौज का फैसला था लेकिन शेख राशिद को इसे सार्वजनिक करने की जरूरत क्यों पड़ गई?
पंजाब के मुख्यमंत्नी अमरिंदर सिंह ने करतारपुर गलियारे के बारे में काफी सख्त प्रतिक्रि या व्यक्त की है. उन्होंने यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के रेल मंत्नी शेख राशिद के बयान पर की है. राशिद ने कह डाला कि करतारपुर गलियारा खोलने का विचार पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी इमरान खान का नहीं बल्कि सेनापति जनरल कमर जावेद बाजवा का है और यह गलियारा भारत की कमर तोड़ देगा. जाहिर है कि नरेंद्र मोदी, अमरिंदर सिंह, पूर्व प्रधानमंत्नी मनमोहन सिंह और उन सभी लोगों को शेख राशिद के भाषण से कितनी तकलीफ पहुंची होगी, जो करतारपुर गलियारे के लिए इमरान खान को बधाइयां दे रहे थे.
अमरिंदर ने कहा है कि राशिद के बयान ने पाकिस्तान के असली इरादे जाहिर कर दिए हैं. राशिद ने कहा कि पाकिस्तानी फौज ने इमरान की शपथ के पहले ही इस गलियारे को खोलने का फैसला कर लिया था.
मान लिया कि यह फौज का फैसला था लेकिन शेख राशिद को इसे सार्वजनिक करने की जरूरत क्यों पड़ गई? इसका एक कारण तो यह हो सकता है कि इमरान द्वारा बाजवा को दी गई तीन साल की अतिरिक्त अवधि को पाक के सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है. अब इस बयान से बाजवा की छवि चमकाने की कोशिश की गई होगी.
यह शेख राशिद का बेहद गैर-जिम्मेदाराना कदम है. इससे इमरान की हेठी तो हुई ही, बाजवा की छवि भी विकृत हुई है. क्या भारत के नीति-निर्माताओं ने बाजवा के अदृश्य इरादों का अंदाज नहीं लगाया होगा? जरूर लगाया है और कुछ पत्नकारों ने भी शंका प्रकट की थी. लेकिन राशिद ने अपनी ही सरकार को बेनकाब कर दिया है. करतारपुर गलियारे की वजह से जो थोड़ा-बहुत सद्भावना का माहौल बन रहा था, उसे भी राशिद ने चौपट कर दिया है. राशिद के इस बयान के बाद पाकिस्तानी पंजाब को अपनी सुरक्षा की चिंता अब जरा ज्यादा करनी होगी.
पाकिस्तान में इस समय जो आर्थिक संकट है और हुक्मरानों की प्रतिष्ठा जैसे नीचे चली गई है, उस समय ऐसे बयान देकर राशिद जैसे मंत्नी पाकिस्तानी जनता की नजरों में भी अपने आप को नीचे
गिरा रहे हैं.