लाइव न्यूज़ :

ब्लॉगः केंद्र और दिल्ली सरकार में विवाद, घर-घर अनाज योजना में अड़ंगा क्यों?

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: June 9, 2021 13:23 IST

दिल्ली की केजरीवाल सरकार लगभग 72 लाख लोगों को अनाज उनके घरों तक पहुंचाना चाहती है लेकिन केंद्र सरकार ने उस पर रोक लगा दी है.

Open in App
ठळक मुद्दे‘प्रधानमंत्नी गरीब कल्याण योजना’ के तहत राशन की दुकानों से बहुत कम दामों पर अनाज पहले से मिल रहा है. बुजुर्ग गरीब लोगों को उन दुकानों तक पहुंचने और कतार में खड़े रहने में काफी दिक्कत महसूस होती है.दुकानों का बहुत-सा माल चोरी-छिपे मोटे दामों पर खुले बाजारों में बिकता रहता है.

केंद्र सरकार और दिल्ली की सरकार के बीच आजकल अजीब-सा विवाद चल रहा है.

दिल्ली की केजरीवाल सरकार दिल्ली के लगभग 72 लाख लोगों को अनाज उनके घरों तक पहुंचाना चाहती है लेकिन केंद्र सरकार ने उस पर रोक लगा दी है. इन गरीबी की रेखा के नीचेवाले लोगों को ‘प्रधानमंत्नी गरीब कल्याण योजना’ के तहत राशन की दुकानों से बहुत कम दामों पर अनाज पहले से मिल रहा है.

इसके बावजूद दिल्ली सरकार ने राशन का यह सस्ता अनाज लोगों को घर-घर पहुंचाने की योजना इसलिए बनाई है कि एक तो राशन की दुकानों पर लगनेवाली भीड़ से महामारी का खतरा बढ़ जाता है. दूसरा, बुजुर्ग गरीब लोगों को उन दुकानों तक पहुंचने और कतार में खड़े रहने में काफी दिक्कत महसूस होती है और तीसरा, इन दुकानों का बहुत-सा माल चोरी-छिपे मोटे दामों पर खुले बाजारों में बिकता रहता है.

इस सस्ते अनाज पर देश में ‘राशन माफिया’ की एक फौज पलती जा रही है. इसीलिए दिल्ली सरकार ने अनाज घर-घर पहुंचाने की योजना बनाई है. इस योजना को पिछले साल से लागू करने पर वह अडिग है. पांच बार उसने केंद्र से इसकी अनुमति मांगी है लेकिन केंद्र सरकार इस पर कोई न कोई अड़ंगा लगा देती है. उसका पहला अड़ंगा तो यही था कि इसका नाम ‘मुख्यमंत्नी घर-घर योजना’ क्यों रखा गया?

मुख्यमंत्नी शब्द इसमें से हटाया जाए. केजरीवाल ने हटा लिया. क्यों हटा लिया? यदि मुख्यमंत्नी के नाम से कोई योजना नहीं चल सकती तो प्रधानमंत्नी के नाम से दर्जनों योजनाएं कैसे चल रही हैं? मुङो आश्चर्य है कि केजरीवाल ने सभी योजनाओं से प्रधानमंत्नी शब्द को हटाने की मांग क्यों नहीं की?

इसमें शक नहीं कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की यह योजना भारत में ही नहीं, सारे संसार में बेजोड़ है लेकिन उसे सफलतापूर्वक लागू कैसे किया जाएगा? यदि केंद्र सरकार को इसमें कुछ संशय है तो वह जायज है. 72 लाख लोगों तक अनाज पहुंचाने के लिए हजारों स्वयंसेवकों की जरूरत होगी. उन्हें कहां से लाया जाएगा?

यदि उन्हें मेहनताना देना पड़ गया तो करोड़ों रुपए की यह भरपाई कैसे होगी? इस बात की क्या गारंटी है कि इस घर-घर अनाज-वितरण में मोटी धांधली नहीं होगी? इन सब संशयों के बावजूद केंद्र सरकार को चाहिए कि इस पहल में वह कोई अड़ंगा नहीं लगाए. आगे चल कर यदि वह गड़बड़ाए तो इसे तत्काल रोका जा सकता है.

टॅग्स :अरविंद केजरीवालनरेंद्र मोदीभारत सरकारमनीष सिसोदिया
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार राज्यसभा चुनावः अप्रैल 2026 में 5 सीटें खाली?, उच्च सदन में दिखेंगे पवन सिंह और रीना पासवान?, देखिए विधानसभा में किसके पास कितने विधायक

भारतVIDEO: पीएम मोदी ने गुवाहाटी में भारत के पहले नेचर-थीम वाले एयरपोर्ट टर्मिनल का किया उद्घाटन

भारतबृहन्मुंबई महानगरपालिका 2026ः सभी 227 सीट पर चुनाव, 21 उम्मीदवारों की पहली सूची, देखिए पूरी सूची

भारतनीतीश सरकार के 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के कारण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम सूर्य घर योजना पर पड़ा बुरा असर

भारतपीएम मोदी भारत में X की नई 'सबसे ज़्यादा पसंद की जाने वाली' रैंकिंग में सबसे आगे

भारत अधिक खबरें

भारतMaharashtra Local Body Polls Result: महायुति 214, एमवीए 49, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, जानें किस पार्टी को कितनी सीटें

भारतस्थानीय निकाय चुनावः 286 में से 212 सीट पर जीत?, अशोक चव्हाण बोले- भाजपा के 3,300 पार्षद निर्वाचित, जनवरी 2026 में 29 नगर निगमों चुनावों पर असर दिखेगा?

भारतबिहार में फाइनेंस कंपनियों के कर्ज से परेशान लोग आत्महत्या करने को मजबूर, पुलिस ने लिया गंभीरता से, ईओयू को दी कार्रवाई की जिम्मेदारी

भारतमुंबई निगम चुनावः नगर परिषद और पंचायत में करारी हार?, ठाकरे-पवार को छोड़ वीबीए-आरपीआई से गठजोड़ करेंगे राहुल गांधी?

भारतपालघर नगर परिषद में शिवसेना के उत्तम घरत ने भाजपा के कैलाश म्हात्रे को हराया और बीजेपी ने जव्हार नगर परिषद और वाडा नगर पंचायत पर किया कब्जा